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Lucknow News: स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर नहीं, जूनियर को बनाया अफसर
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स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर नहीं, जूनियर को बनाया अफसर
-डिप्टी सीएम से हुई शिकायत, जांच के आदेश, सीएमओ बोले लगाए गए आरोप बेबुनियाद
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। शहर में खुले स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर तक नहीं है। छह-छह माह से
केंद्र खाली पड़े हैं। डॉक्टर की जगह पैरामेडिकल स्टाफ मरीजों को दवा वितरण
कर रहे हैं। गंभीर मरीजों को इलाज व जांच के लिए दूसरे केंद्र पर दौड़ाया
जा रहा है। वहीं सीएमओ ऑफिस में नियम को ताक पर रखकर जूनियर डॉक्टर की
ताजपोशी करके अफसर बनाया गया है। इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम
से शिकायत हुई है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
सीएमओ के अधीन 108 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व 54 पीएचसी का संचालन हो रहा
है। इसमें 16 केंद्र छह माह से खाली हैं। वहां पर इलाज के लिए डॉक्टर तक
नहीं है। ऐसे में मरीजों को दूसरे केंद्र पर जाना पड़ रहा है। केंद्र
फार्मासिस्ट व नर्स के भरोसे चल रहा है। जिनके जरिये सामान्य बीमारी की दवा
देकर मरीजों को वापस किया जा रहा है। मर्ज गंभीर होने पर मरीजों को जिला
अस्पताल रेफर किया जा रहा है। वहीं सीएमओ ऑफिस में लेवल 1 ग्रेड के डॉक्टर
को सीएचसी से हटाकर कार्यालय में तैनाती कर दी गई है। इतना ही नहीं बिना पद
सह नोडल का पद भी सृजित कर दिया गया है। जबकि सीएमओ ऑफिस में एसीएमओ,
डिप्टी सीएमओ के पद हैं। जूनियर डॉक्टर को कमरा, गाड़ी भी आवंटित की गई है।
मामले की शिकायत डिप्टी सीएम से हुई है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है
कि शिकायती पत्र में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।
अपर निदेशक ऑफिस में भी कई शिकायत
अपर निदेशक लखनऊ मंडल कार्यालय के यहां भी दो शिकायत लंबित पड़ी हैं। अपर
निदेशक मामले में कार्रवाई की बजाय जांच अटकाएं हैं। दोनों शिकायत अवैध
तरीके से तैनाती होने को लेकर हुई है। अपर निदेशक डॉ. जीपी गुप्ता के
मुताबिक, मामले की जांच चल रही है। जांच पूरी करके रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।
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-डिप्टी सीएम से हुई शिकायत, जांच के आदेश, सीएमओ बोले लगाए गए आरोप बेबुनियाद
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। शहर में खुले स्वास्थ्य केंद्रों पर डॉक्टर तक नहीं है। छह-छह माह से
केंद्र खाली पड़े हैं। डॉक्टर की जगह पैरामेडिकल स्टाफ मरीजों को दवा वितरण
कर रहे हैं। गंभीर मरीजों को इलाज व जांच के लिए दूसरे केंद्र पर दौड़ाया
जा रहा है। वहीं सीएमओ ऑफिस में नियम को ताक पर रखकर जूनियर डॉक्टर की
ताजपोशी करके अफसर बनाया गया है। इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री, डिप्टी सीएम
से शिकायत हुई है। मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।
सीएमओ के अधीन 108 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर व 54 पीएचसी का संचालन हो रहा
है। इसमें 16 केंद्र छह माह से खाली हैं। वहां पर इलाज के लिए डॉक्टर तक
नहीं है। ऐसे में मरीजों को दूसरे केंद्र पर जाना पड़ रहा है। केंद्र
फार्मासिस्ट व नर्स के भरोसे चल रहा है। जिनके जरिये सामान्य बीमारी की दवा
देकर मरीजों को वापस किया जा रहा है। मर्ज गंभीर होने पर मरीजों को जिला
अस्पताल रेफर किया जा रहा है। वहीं सीएमओ ऑफिस में लेवल 1 ग्रेड के डॉक्टर
को सीएचसी से हटाकर कार्यालय में तैनाती कर दी गई है। इतना ही नहीं बिना पद
सह नोडल का पद भी सृजित कर दिया गया है। जबकि सीएमओ ऑफिस में एसीएमओ,
डिप्टी सीएमओ के पद हैं। जूनियर डॉक्टर को कमरा, गाड़ी भी आवंटित की गई है।
मामले की शिकायत डिप्टी सीएम से हुई है। सीएमओ डॉ. एनबी सिंह का कहना है
कि शिकायती पत्र में लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं।
अपर निदेशक ऑफिस में भी कई शिकायत
अपर निदेशक लखनऊ मंडल कार्यालय के यहां भी दो शिकायत लंबित पड़ी हैं। अपर
निदेशक मामले में कार्रवाई की बजाय जांच अटकाएं हैं। दोनों शिकायत अवैध
तरीके से तैनाती होने को लेकर हुई है। अपर निदेशक डॉ. जीपी गुप्ता के
मुताबिक, मामले की जांच चल रही है। जांच पूरी करके रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी।