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Lucknow News: आईसीआईसीआई बैंक के कर्मियों व अन्य पर धोखाधड़ी का केस
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- पीड़ित ने लगाया जमीन पर फर्जी तरीके से लोन लेने का आरोप
- डीसीपी पूर्वी के आदेश पर विभूतिखंड पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
लखनऊ। विभूतिखंड थाने में महाराष्ट्र के पुणे निवासी विक्रमा सिंह ने आईसीआईसीआई बैंक के कर्मियों व कुसुमलता मौर्या के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने कार्रवाई डीसीपी पूर्वी के आदेश पर की है। विक्रमा ने आरोपियों पर उनकी जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार लोन लेने का आरोप लगाया है।
विक्रमा सिंह के मुताबिक वह सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हैं। वर्ष 2009 में उन्होंने एलडीए से विभूतिखंड के वास्तुखंड में जमीन खरीदी थी। जमीन की देखरेख के लिए वह कभी-कभी आते भी थे। विक्रमा ने बताया कि कुछ माह पहले वह वास्तुखंड स्थित जमीन पर निर्माण कराने के लिए पुणे से आए थे। वह लोन के लिए आईसीआईसीआई बैंक शाखा एचएल नार्थ पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि चिनहट निवासी कुसुमलता मौर्या नाम की महिला पहले ही उनकी जमीन गिरवी रख कर लोन ले चुकी है। विक्रमा ने जब पड़ताल की तो पता चला कि जालसाजों ने उनकी जमीन की फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। फिर उनके व पत्नी के स्थान पर खुद को व्रिकमा सिंह दर्शाते हुए जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम कर ली। इसके बाद जमीन कुसुमलता मौर्य को बेच दी। पीड़ित का आरोप है कि उसी फर्जी दस्तावेजों के जरिये कुसुमलता ने बैंक के कर्मियों की मिलीभगत से लोन पास करा लिया। इतना ही नहीं साजिश में कुसुमलता के साथ अनिल यादव ने भी दिया। इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया कि मामले की विवेचना दरोगा गनेश पटेल कर रहे हैं। साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई होगी।
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- डीसीपी पूर्वी के आदेश पर विभूतिखंड पुलिस ने दर्ज की एफआईआर
लखनऊ। विभूतिखंड थाने में महाराष्ट्र के पुणे निवासी विक्रमा सिंह ने आईसीआईसीआई बैंक के कर्मियों व कुसुमलता मौर्या के खिलाफ धोखाधड़ी की एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस ने कार्रवाई डीसीपी पूर्वी के आदेश पर की है। विक्रमा ने आरोपियों पर उनकी जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार लोन लेने का आरोप लगाया है।
विक्रमा सिंह के मुताबिक वह सरकारी विभाग से सेवानिवृत्त हैं। वर्ष 2009 में उन्होंने एलडीए से विभूतिखंड के वास्तुखंड में जमीन खरीदी थी। जमीन की देखरेख के लिए वह कभी-कभी आते भी थे। विक्रमा ने बताया कि कुछ माह पहले वह वास्तुखंड स्थित जमीन पर निर्माण कराने के लिए पुणे से आए थे। वह लोन के लिए आईसीआईसीआई बैंक शाखा एचएल नार्थ पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि चिनहट निवासी कुसुमलता मौर्या नाम की महिला पहले ही उनकी जमीन गिरवी रख कर लोन ले चुकी है। विक्रमा ने जब पड़ताल की तो पता चला कि जालसाजों ने उनकी जमीन की फर्जी दस्तावेज तैयार कर लिए। फिर उनके व पत्नी के स्थान पर खुद को व्रिकमा सिंह दर्शाते हुए जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम कर ली। इसके बाद जमीन कुसुमलता मौर्य को बेच दी। पीड़ित का आरोप है कि उसी फर्जी दस्तावेजों के जरिये कुसुमलता ने बैंक के कर्मियों की मिलीभगत से लोन पास करा लिया। इतना ही नहीं साजिश में कुसुमलता के साथ अनिल यादव ने भी दिया। इंस्पेक्टर अमर सिंह ने बताया कि मामले की विवेचना दरोगा गनेश पटेल कर रहे हैं। साक्ष्य मिलने पर कार्रवाई होगी।
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