न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लखनऊ
Published by: लखनऊ ब्यूरो
Updated Tue, 07 Sep 2021 03:44 PM IST
लखनऊ विश्वविद्यालय से नए सत्र 2021-22 से चार जिलों लखीमपुर खीरी, हरदोई, सीतापुर व रायबरेली के कॉलेज जुड़ रहे हैं। कॉलेजों के प्रतिनिधियों की परीक्षाव अन्य शुल्क कम करने के लिए सोमवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों संग बैठक हुई, लेकिन इसमें कोई निर्णय नहीं हो सका। अब विवि प्रशासन इस मामले में कमेटी बनाकर निर्णय लेगा। वहीं कॉलेजों ने वार्ता को बेनतीजा बताते हुए कहा कि जल्द निर्णय न होने का असर उनके नए प्रवेश पर पड़ रहा है।
पूर्व में कॉलेजों के शिक्षकों द्वारा किए गए प्रदर्शन के क्रम में उनकी सोमवार को कुलपति के साथ जेके सभागार में बैठक हुई, जिसमें विवि प्रशासन ने यह तो आश्वस्त किया कि कॉलेजों के हित प्रभावित नहीं होंगे। लेकिन शुल्क कम करने पर कोई सीधा आश्वासन नहीं दिया। कॉलेजों को एनईपी आदि की जानकारी देते हुए आश्वस्त किया कि आने वाले समय में उनका भी लाभ होगा। विवि प्रशासन ने बताया कि रजिस्ट्रार की अध्यक्षता में एक कमेटी फीस पर उचित निर्णय लेगी। कमेटी में विवि अधिकारियों के साथ हर जिले के कॉलेजों के एक-एक प्रतिनिधि भी होंगे। हालांकि कॉलेज इससे संतुष्ट नहीं थे।
जल्द निर्णय न हुआ तो प्रवेश पर पड़ेगा असर
कॉलेज एसोसिएशन के रमेश सिंह, गुरदीप सिंह आदि ने कहा कि यह तो मामले को टालने जैसा है। विवि ने इतने दिनों में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। यह समय प्रवेश का है। विद्यार्थी आस-पास के जिलों में जाकर प्रवेश ले रहे हैं। अगर जल्द निर्णय नहीं हुआ तो इसका काफी असर हमारे प्रवेश पर पड़ेगा। वहीं अगर हम फीस कम लेकर प्रवेश करेंगे तो बाद में विद्यार्थी बढ़ा हुआ शुल्क नहीं देंगे। कानपुर विश्वविद्यालय ने भी अपने यहां रिवाइज शुल्क वापस ले लिया है। आखिर हमारे विद्यार्थी कितना आर्थिक बोझ उठाएंगे। लविवि प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले पर जल्द ठोस निर्णय होगा।
विस्तार
लखनऊ विश्वविद्यालय से नए सत्र 2021-22 से चार जिलों लखीमपुर खीरी, हरदोई, सीतापुर व रायबरेली के कॉलेज जुड़ रहे हैं। कॉलेजों के प्रतिनिधियों की परीक्षाव अन्य शुल्क कम करने के लिए सोमवार को कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय व अन्य प्रशासनिक अधिकारियों संग बैठक हुई, लेकिन इसमें कोई निर्णय नहीं हो सका। अब विवि प्रशासन इस मामले में कमेटी बनाकर निर्णय लेगा। वहीं कॉलेजों ने वार्ता को बेनतीजा बताते हुए कहा कि जल्द निर्णय न होने का असर उनके नए प्रवेश पर पड़ रहा है।
पूर्व में कॉलेजों के शिक्षकों द्वारा किए गए प्रदर्शन के क्रम में उनकी सोमवार को कुलपति के साथ जेके सभागार में बैठक हुई, जिसमें विवि प्रशासन ने यह तो आश्वस्त किया कि कॉलेजों के हित प्रभावित नहीं होंगे। लेकिन शुल्क कम करने पर कोई सीधा आश्वासन नहीं दिया। कॉलेजों को एनईपी आदि की जानकारी देते हुए आश्वस्त किया कि आने वाले समय में उनका भी लाभ होगा। विवि प्रशासन ने बताया कि रजिस्ट्रार की अध्यक्षता में एक कमेटी फीस पर उचित निर्णय लेगी। कमेटी में विवि अधिकारियों के साथ हर जिले के कॉलेजों के एक-एक प्रतिनिधि भी होंगे। हालांकि कॉलेज इससे संतुष्ट नहीं थे।
जल्द निर्णय न हुआ तो प्रवेश पर पड़ेगा असर
कॉलेज एसोसिएशन के रमेश सिंह, गुरदीप सिंह आदि ने कहा कि यह तो मामले को टालने जैसा है। विवि ने इतने दिनों में इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। यह समय प्रवेश का है। विद्यार्थी आस-पास के जिलों में जाकर प्रवेश ले रहे हैं। अगर जल्द निर्णय नहीं हुआ तो इसका काफी असर हमारे प्रवेश पर पड़ेगा। वहीं अगर हम फीस कम लेकर प्रवेश करेंगे तो बाद में विद्यार्थी बढ़ा हुआ शुल्क नहीं देंगे। कानपुर विश्वविद्यालय ने भी अपने यहां रिवाइज शुल्क वापस ले लिया है। आखिर हमारे विद्यार्थी कितना आर्थिक बोझ उठाएंगे। लविवि प्रवक्ता डॉ. दुर्गेश श्रीवास्तव ने कहा कि इस मामले पर जल्द ठोस निर्णय होगा।