जगद्गुरु परमहंसाचार्य गुरुवार को एक बार फिर जैसे ही आगरा जाने के लिए निकलने लगे प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद आरएम अयोध्या प्रशांत कुमार ने जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। बाद में परमहंसाचार्य ने कहा कि अब मैं आगरा नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंसाचार्य को कल ही कड़ी सुरक्षा में आगरा से अयोध्या लाया गया था। आज वे आगरा जाने की जिद पर अड़े थे लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोका, काफी मान-मनौव्वल के बाद परमहंसाचार्य मान गये। उन्होंने आगरा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया। बीते दिनों जब वे आगरा गये तो उन्हें भगवा वस्त्रों और धर्मदंड की वजह से नहीं जाने दिया गया। जबकि कुछ दिन बाद ही एक संत धर्मदंड के साथ गये तो उन्हें प्रवेश दे दिया गया।
आगरा के पुरातत्व विभाग ने उन्हें पांच मई को बुलाया था। उनका कहना है कि मैं जब तीन मई को आगरा में धर्म संसद के लिए निकला तो मुझे आगरा प्रशासन ने रास्ते में ही रोक लिया। कई घंटे गाड़ी में घुमाने के बाद मुझे कीठम झील के पास नजरबंद कर दिया गया। उसके बाद चेतावनी देकर छोड़ा गया। प्रशासन के इस रवैये से नाराज होकर मैंने अनशन शुरू कर दिया था।
परमहंसाचार्य गुरुवार को सुबह 10.30 बजे जैसे ही आगरा के लिए अपने आश्रम से निकले पहले से मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। सीओ अयोध्या आरके चतुर्वेदी, कोतवाली प्रभारी देवेंद्र पांडेय ने उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास किया। बाद में आरएम अयोध्या प्रशांत कुमार भी पहुंचे।
उन्होंने जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। बाद में परमहंसाचार्य ने कहा कि अब वे आगरा नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और तेजोमहालय के लिए संवैधानिक तरीके से लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने हिंदू राष्ट्र की भी मांग को बुलंद करते हुए हिंदुओं से एकजुट करने की अपील की।
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जगद्गुरु परमहंसाचार्य गुरुवार को एक बार फिर जैसे ही आगरा जाने के लिए निकलने लगे प्रशासन ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद आरएम अयोध्या प्रशांत कुमार ने जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। बाद में परमहंसाचार्य ने कहा कि अब मैं आगरा नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा।
तपस्वी छावनी के महंत परमहंसाचार्य को कल ही कड़ी सुरक्षा में आगरा से अयोध्या लाया गया था। आज वे आगरा जाने की जिद पर अड़े थे लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें रोका, काफी मान-मनौव्वल के बाद परमहंसाचार्य मान गये। उन्होंने आगरा प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाया। बीते दिनों जब वे आगरा गये तो उन्हें भगवा वस्त्रों और धर्मदंड की वजह से नहीं जाने दिया गया। जबकि कुछ दिन बाद ही एक संत धर्मदंड के साथ गये तो उन्हें प्रवेश दे दिया गया।
आगरा के पुरातत्व विभाग ने उन्हें पांच मई को बुलाया था। उनका कहना है कि मैं जब तीन मई को आगरा में धर्म संसद के लिए निकला तो मुझे आगरा प्रशासन ने रास्ते में ही रोक लिया। कई घंटे गाड़ी में घुमाने के बाद मुझे कीठम झील के पास नजरबंद कर दिया गया। उसके बाद चेतावनी देकर छोड़ा गया। प्रशासन के इस रवैये से नाराज होकर मैंने अनशन शुरू कर दिया था।
परमहंसाचार्य गुरुवार को सुबह 10.30 बजे जैसे ही आगरा के लिए अपने आश्रम से निकले पहले से मौजूद पुलिस बल ने उन्हें रोक दिया। सीओ अयोध्या आरके चतुर्वेदी, कोतवाली प्रभारी देवेंद्र पांडेय ने उन्हें समझाने-बुझाने का प्रयास किया। बाद में आरएम अयोध्या प्रशांत कुमार भी पहुंचे।
उन्होंने जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया। बाद में परमहंसाचार्य ने कहा कि अब वे आगरा नहीं बल्कि सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और तेजोमहालय के लिए संवैधानिक तरीके से लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने हिंदू राष्ट्र की भी मांग को बुलंद करते हुए हिंदुओं से एकजुट करने की अपील की।