यूपी की राजधानी से चंद किमी. की दूरी पर बसे मोहनलालगंज के लोहिया ग्राम कुढ़ा के मजरे केसरी खेड़ा और भदेसुवा के मजरे तिलोकपुर में बुधवार को उत्सव जैसा नजारा था।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना से हुए विद्युतीकरण के बाद घरों में रखे कूलर, फ्रि ज और टेलीविजन बाहर निकाले जा रहे थे। सुबह करीब 11 बजे क्षेत्रीय विधायक चन्द्रा रावत ने जैसे ही केसरी खेड़ा पहुंचकर करीब 300 की आबादी वाले गांव में आपूर्ति की शुरुआत की ग्रामीण खुशी के मारे झूमते नजर आए।
गांव के विजय सिंह का बेटा देवेश सिंह और बहू सपना तीन वर्ष से कमरे में रखे फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन बाहर निकाल कर उन्हें कमरे में लगाने में जुट गए। वहीं मीना और शिवकुमार को मिले लैपटॉप चार्ज करने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता था। बुधवार को दोनों ने अपने गांव में ही उन्हें चार्ज किया।
इससे पूर्व सुबह करीब 10 बजे विधायक ने करीब एक हजार की आबादी वाले तिलोकपुर गांव में भी विद्युतीकरण का उद्घाटन कर ग्रामीणों को बिजली की सौगात दी।
करीब 50 साल पहले ब्याहकर केसरी खेड़ा आई रघुराई के मायके में भी दो वर्ष पहले बिजली आ गई लेकिन उनका गांव फिर भी इससे अछूता रहा। बुधवार को जब 80 वर्षीय रघुराई के घर बल्ब जला तो खुशी के मारे वह बच्चों के साथ झूमने लगी।
केसरी खेड़ा निवासी गुरुप्रसाद के बेटे शत्रोहन की मंगलवार को शादी थी। बुधवार को सरोजनीनगर के रोहिनी खंड़ा से जैसे ही बारात लौटी तो बहू शिवानी के पैर पड़ते ही गांव में बिजली देखकर सबने उसने बधाई देनी शुरू कर दी।
यूपी की राजधानी से चंद किमी. की दूरी पर बसे मोहनलालगंज के लोहिया ग्राम कुढ़ा के मजरे केसरी खेड़ा और भदेसुवा के मजरे तिलोकपुर में बुधवार को उत्सव जैसा नजारा था।
राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना से हुए विद्युतीकरण के बाद घरों में रखे कूलर, फ्रि ज और टेलीविजन बाहर निकाले जा रहे थे। सुबह करीब 11 बजे क्षेत्रीय विधायक चन्द्रा रावत ने जैसे ही केसरी खेड़ा पहुंचकर करीब 300 की आबादी वाले गांव में आपूर्ति की शुरुआत की ग्रामीण खुशी के मारे झूमते नजर आए।
गांव के विजय सिंह का बेटा देवेश सिंह और बहू सपना तीन वर्ष से कमरे में रखे फ्रिज, कूलर, वाशिंग मशीन बाहर निकाल कर उन्हें कमरे में लगाने में जुट गए। वहीं मीना और शिवकुमार को मिले लैपटॉप चार्ज करने के लिए दूसरे गांव जाना पड़ता था। बुधवार को दोनों ने अपने गांव में ही उन्हें चार्ज किया।