नाबालिग के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में न्यायालय ने 19 वर्ष बाद आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला सत्र न्यायाधीश (रेप अलांग विद पॉक्सो एक्ट न्यायालय) ने सजा के साथ-साथ 65 हजार रुपये का अर्थदंड भी सुनाया है। इस पैसे से पचास हजार रुपये मृतका की मां को मिलेगा।
गिलौला थाना क्षेत्र की एक महिला ने फरवरी 2002 में पुलिस को शिकायती पत्र दिया था कि वह बगल के पुरवा निवासी पाटनदीन की तेरहवीं कार्यक्रम में गई थी। कार्यक्रम के बाद वह अपने घर चली आई थी, लेकिन उसकी बेटी को घर वालों ने रोक लिया था। सुबह जब मैं अपनी बेटी को घर लाने के लिए पहुंची तो यह पता चला की बेटी रात में ही अपने घर चली गई थी। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। तीसरे दिन बेटी का शव स्वामीनाथ के खेत में बरामद हुआ।
इस मामले का खुलासा करते हुए गिलौला पुलिस ने अभियुक्त कैलाश, लालजी निवासीगण पटखौली कला व लवकुश निवासी रसूलपुर बहराइच के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जशीट के अनुसार आरोपी कैलाश बेटी को यह कहकर अपने साथ लेकर चला गया कि उसके पति जो मेरे साथ दिल्ली में काम करते हैं, उन्होंने पैसा और चिट्ठी दिया है। आरोपी ने बेटी को अकेले में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म कि या। इसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
शव को स्वामीनाथ के खेत में तीसरे दिन जाकर फेंक आए थे। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय अपर जिला सत्र न्यायाधीश परमेश्वर प्रसाद ने आरोपी कैलाश को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन सश्रम कारावास व 65000 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले की जानकारी देते हुए अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि अर्थदंड की धनराशि से 50000 रुपये मृतका की मां को देने का आदेश पारित किया है।
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नाबालिग के साथ दुष्कर्म व हत्या के मामले में न्यायालय ने 19 वर्ष बाद आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अपर जिला सत्र न्यायाधीश (रेप अलांग विद पॉक्सो एक्ट न्यायालय) ने सजा के साथ-साथ 65 हजार रुपये का अर्थदंड भी सुनाया है। इस पैसे से पचास हजार रुपये मृतका की मां को मिलेगा।
गिलौला थाना क्षेत्र की एक महिला ने फरवरी 2002 में पुलिस को शिकायती पत्र दिया था कि वह बगल के पुरवा निवासी पाटनदीन की तेरहवीं कार्यक्रम में गई थी। कार्यक्रम के बाद वह अपने घर चली आई थी, लेकिन उसकी बेटी को घर वालों ने रोक लिया था। सुबह जब मैं अपनी बेटी को घर लाने के लिए पहुंची तो यह पता चला की बेटी रात में ही अपने घर चली गई थी। काफी खोजबीन के बाद भी उसका पता नहीं चला। तीसरे दिन बेटी का शव स्वामीनाथ के खेत में बरामद हुआ।
इस मामले का खुलासा करते हुए गिलौला पुलिस ने अभियुक्त कैलाश, लालजी निवासीगण पटखौली कला व लवकुश निवासी रसूलपुर बहराइच के विरुद्ध न्यायालय में चार्जशीट दाखिल किया था। चार्जशीट के अनुसार आरोपी कैलाश बेटी को यह कहकर अपने साथ लेकर चला गया कि उसके पति जो मेरे साथ दिल्ली में काम करते हैं, उन्होंने पैसा और चिट्ठी दिया है। आरोपी ने बेटी को अकेले में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म कि या। इसके बाद गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।
शव को स्वामीनाथ के खेत में तीसरे दिन जाकर फेंक आए थे। इस मामले की सुनवाई करते हुए न्यायालय अपर जिला सत्र न्यायाधीश परमेश्वर प्रसाद ने आरोपी कैलाश को दोषी करार देते हुए उसे आजीवन सश्रम कारावास व 65000 रुपये का अर्थदंड की सजा सुनाई। इस मामले की जानकारी देते हुए अपर जिला शासकीय अधिवक्ता सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि अर्थदंड की धनराशि से 50000 रुपये मृतका की मां को देने का आदेश पारित किया है।