पारा चढ़ने के साथ ही प्रदेश की बिजली व्यवस्था भी पटरी से उतरने लगी है। अक्तूबर के बजाय 15 मार्च से ही गांवों से लेकर शहरों तक की आपूर्ति में की गई बढ़ोतरी के बाद अब एकाएक गर्मी की वजह से अप्रैल के पहले सप्ताह में ही बिजली की मांग में रिकार्ड इजाफा हो रहा है।
बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन के पसीने छूट रहे हैं। केंद्र से भी कोटे की पूरी बिजली न मिलने की वजह से मुश्किलें बढ़ गई हैं। पर्याप्त बिजली की उपलब्धता न होने की वजह से शहरों में एक से दो घंटे अतिरिक्त आपात कटौती भी करनी पड़ रही है।
हालात को देखते हुए ललितपुर की 660 मेगावाट तथा अनपरा डी की 500 मेगावाट क्षमता की इकाइयों को पूरी क्षमता पर चलाने के साथ-साथ दूसरे राज्यों से बैकिंग के जरिये बिजली लेने का फैसला किया गया है।
ललितपुर परियोजना से ज्यादा बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क भी दुरुस्त कराने को कहा गया है। गर्मी बढ़ने की वजह से मांग 13,000 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई है।
आमतौर पर बिजली की मांग में इजाफा मई के दूसरे सप्ताह से होता था और इसी के मद्देनजर पावर कॉर्पोरेशन ने 15 मई से अतिरिक्त बिजली का इंतजाम भी किया था लेकिन एकाएक तापमान में बढ़ोतरी से सारी रणनीति धरी रह गई।
हालांकि नियंत्रण कक्ष के अभियंताओं का दावा है कि मौजूदा समय में मांग और उपलब्धता में बहुत मामूली अंतर है और शहरों में थोड़ी बहुत अतिरिक्त कटौती करके आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्त रखने की कोशिश की जा रही है लेकिन जिस तरह से बीते पांच-छह दिन में एकाएक मांग बढ़ी है उसे देखते हुए अगले कुछ दिनों में मांग के 15000 मेगावाट तक पहुंचने का अनुमान है और मई-जून में मांग 17,000 मेगावाट के आसपास तक पहुंच सकती है।
जहां तक बिजली की उपलब्धता का सवाल है तो इस समय लगभग 13,000 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है लेकिन आगे मांग बढ़ने पर अतिरिक्त बिजली की जरूरत पड़ेगी।
पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक एपी मिश्र ने बुधवार को नियंत्रण कक्ष, वितरण और ट्रांसमिशन के आला अधिकारियों के साथ बैठक करके आपूर्ति की समीक्षा की और बढ़ती हुई मांग को देखते हुए अतिरिक्त बिजली की व्यवस्था करने के निर्देश दिए।
पारा चढ़ने के साथ ही प्रदेश की बिजली व्यवस्था भी पटरी से उतरने लगी है। अक्तूबर के बजाय 15 मार्च से ही गांवों से लेकर शहरों तक की आपूर्ति में की गई बढ़ोतरी के बाद अब एकाएक गर्मी की वजह से अप्रैल के पहले सप्ताह में ही बिजली की मांग में रिकार्ड इजाफा हो रहा है।
बढ़ी हुई मांग को पूरा करने में पावर कॉर्पोरेशन प्रबंधन के पसीने छूट रहे हैं। केंद्र से भी कोटे की पूरी बिजली न मिलने की वजह से मुश्किलें बढ़ गई हैं। पर्याप्त बिजली की उपलब्धता न होने की वजह से शहरों में एक से दो घंटे अतिरिक्त आपात कटौती भी करनी पड़ रही है।
हालात को देखते हुए ललितपुर की 660 मेगावाट तथा अनपरा डी की 500 मेगावाट क्षमता की इकाइयों को पूरी क्षमता पर चलाने के साथ-साथ दूसरे राज्यों से बैकिंग के जरिये बिजली लेने का फैसला किया गया है।
ललितपुर परियोजना से ज्यादा बिजली की निकासी के लिए ट्रांसमिशन नेटवर्क भी दुरुस्त कराने को कहा गया है। गर्मी बढ़ने की वजह से मांग 13,000 मेगावाट से ऊपर पहुंच गई है।