{"_id":"69171d4faf555051920b8ca3","slug":"transport-commissioner-office-lucknow-news-c-13-1-lko1068-1471177-2025-11-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Lucknow News: 320 कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी, ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े काम होंगे ठप, हजारों आवेदकों की मुश्किलें बढ़ेंगी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Lucknow News: 320 कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी, ड्राइविंग लाइसेंस से जुड़े काम होंगे ठप, हजारों आवेदकों की मुश्किलें बढ़ेंगी
विज्ञापन
विज्ञापन
परिवहन आयुक्त को आरटीओ प्रशासन ने लिखा पत्र
कर्मचारियों में नाराजी, करेंगे प्रदर्शन
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ सहित प्रदेश के सभी आरटीओ व एआरटीओ में तैनात स्मार्ट चिप कंपनी के 320 कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी है। इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनने से लेकर प्रिंटिंग तक का काम ठप होने की आशंका जताई जा रही है, जिससे हजारों डीएल आवेदकों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से लेकर बायोमेट्रिक तथा नए डीएल की प्रिंटिंग व उन्हें आवेदकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की ओर से स्मार्ट चिप कंपनी को दी गई है। कंपनी लखनऊ में 28 व प्रदेशभर में 320 कर्मचारियों से यह कार्य पूरा करवा रही है। लेकिन खास बात यह है कि अब परिवहन विभाग ने डीएल प्रिंटिंग से जुड़े काम लखनऊ में सिल्वर टच टेक्नोलॉजी को दे दिए हैं। कंपनी जल्द ही मोर्चा संभाल लेगी। इससे पूर्व अफसरों ने कंपनी में तैनात कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ(प्रशासन) संजय तिवारी ने परिवहन आयुक्त किंजल सिंह को पत्र लिखकर कर्मचारियों को हटाने की बात कही है। उनकी दलील है कि कर्मचारी पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर तैनात है, जिसकी वजह से उनकी दलालों से सांठगांठ हो गई है। हालांकि कर्मचारी इस बात का विरोध करते हैं। आरटीओ प्रशासन के पत्र के बाद कर्मचारियों में काफी रोष है। लखनऊ ही नहीं, प्रदेशभर के कर्मचारी इस मुद्दे को लेकर परिवहन आयुक्त से मुलाकात कर अपनी बात रखने की तैयारी में हैं।
हजारों आवेदक होंगे परेशान
सूत्र बताते हैं कि डीएल से संबंधित कार्य करने वाले 320 कर्मचारियों के हटने से आवेदक परेशान होंगे। नए ड्राइविंग लाइसेंस बनने, बायोमेट्रिक, डीएल प्रिंटिंग और उन्हें आवेदकों तक पहुंचाने का काम बाधित हो जाएगा। इससे प्रदेशभर में हजारों आवेदकों के सामने मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।
मामूली सैलरी पर तैनात हैं 320 कर्मी
कर्मचारियों की दलील है कि उन्हें कंपनी की ओर से महज 10-12 हजार रुपये सैलरी मिलती है। ऐसे में उन्हें हटा देने से जीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारियों ने उन पर लगाए गए आरोपों का भी खंडन किया है। कर्मचारियों का कहना है कि आरटीओ के बाहर दलालों का जमावड़ा रहता है, पर अफसर चुप्पी साधे रहते हैं।
'दलालों के रैकेट का करेंगे पर्दाफाश'
कर्मचारियों ने बताया कि वे परिवहन आयुक्त किंजल सिंह से मुलाकात करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर धरना-प्रदर्शन भी करेंगे। इतना ही नहीं परिवहन आयुक्त को आरटीओ में काम करने वाले दलालों की जानकारी, उससे जुड़ी तस्वीरें व वीडियो भी सौंपेंगे। कर्मचारियों ने दलालों से सांठगांठ के आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि कर्मचारियों को अफसर जानबूझकर टारगेट बना रहे हैं।
सवालः अचानक क्यों जागे अफसर
कर्मचारियों का कहना है कि आरटीओ में दलालों की धरपकड़ को लेकर जिलाधिकारी ने छापा मारा। वीडियो रिकॉर्डिंग हुई। पुलिस को लिस्ट भी सौंपी गई। लेकिन उस पर अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारियों को अचानक रडार पर ले लिया जाना संदेह उत्पन्न करता है। कर्मचारियों का आरोप है कि अफसर अपने पसंदीदा कर्मचारियों को तैनात करवाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें हटाने की तैयारी की जा रही है।
आधिकारिक वर्जन
डीएल संबंधित कार्यों के लिए स्मार्ट चिप की जगह सिल्वर टच को जिम्मेदारी सौंपी गई है। तैनात कर्मचारी पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं, जिससे शिकायतें आ रही हैं और बाहरी व्यक्तियों से सांठगांठ बन गई। इससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
-संजय तिवारी, आरटीओ प्रशासन
Trending Videos
कर्मचारियों में नाराजी, करेंगे प्रदर्शन
माई सिटी रिपोर्टर
लखनऊ। ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ सहित प्रदेश के सभी आरटीओ व एआरटीओ में तैनात स्मार्ट चिप कंपनी के 320 कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी है। इससे ड्राइविंग लाइसेंस बनने से लेकर प्रिंटिंग तक का काम ठप होने की आशंका जताई जा रही है, जिससे हजारों डीएल आवेदकों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी।
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से लेकर बायोमेट्रिक तथा नए डीएल की प्रिंटिंग व उन्हें आवेदकों तक पहुंचाने की जिम्मेदारी परिवहन विभाग की ओर से स्मार्ट चिप कंपनी को दी गई है। कंपनी लखनऊ में 28 व प्रदेशभर में 320 कर्मचारियों से यह कार्य पूरा करवा रही है। लेकिन खास बात यह है कि अब परिवहन विभाग ने डीएल प्रिंटिंग से जुड़े काम लखनऊ में सिल्वर टच टेक्नोलॉजी को दे दिए हैं। कंपनी जल्द ही मोर्चा संभाल लेगी। इससे पूर्व अफसरों ने कंपनी में तैनात कर्मचारियों को बाहर करने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए ट्रांसपोर्टनगर आरटीओ(प्रशासन) संजय तिवारी ने परिवहन आयुक्त किंजल सिंह को पत्र लिखकर कर्मचारियों को हटाने की बात कही है। उनकी दलील है कि कर्मचारी पिछले कई वर्षों से एक ही जगह पर तैनात है, जिसकी वजह से उनकी दलालों से सांठगांठ हो गई है। हालांकि कर्मचारी इस बात का विरोध करते हैं। आरटीओ प्रशासन के पत्र के बाद कर्मचारियों में काफी रोष है। लखनऊ ही नहीं, प्रदेशभर के कर्मचारी इस मुद्दे को लेकर परिवहन आयुक्त से मुलाकात कर अपनी बात रखने की तैयारी में हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
हजारों आवेदक होंगे परेशान
सूत्र बताते हैं कि डीएल से संबंधित कार्य करने वाले 320 कर्मचारियों के हटने से आवेदक परेशान होंगे। नए ड्राइविंग लाइसेंस बनने, बायोमेट्रिक, डीएल प्रिंटिंग और उन्हें आवेदकों तक पहुंचाने का काम बाधित हो जाएगा। इससे प्रदेशभर में हजारों आवेदकों के सामने मुश्किलें खड़ी हो जाएंगी।
मामूली सैलरी पर तैनात हैं 320 कर्मी
कर्मचारियों की दलील है कि उन्हें कंपनी की ओर से महज 10-12 हजार रुपये सैलरी मिलती है। ऐसे में उन्हें हटा देने से जीविका का संकट खड़ा हो जाएगा। इतना ही नहीं कर्मचारियों ने उन पर लगाए गए आरोपों का भी खंडन किया है। कर्मचारियों का कहना है कि आरटीओ के बाहर दलालों का जमावड़ा रहता है, पर अफसर चुप्पी साधे रहते हैं।
'दलालों के रैकेट का करेंगे पर्दाफाश'
कर्मचारियों ने बताया कि वे परिवहन आयुक्त किंजल सिंह से मुलाकात करेंगे। आवश्यकता पड़ने पर धरना-प्रदर्शन भी करेंगे। इतना ही नहीं परिवहन आयुक्त को आरटीओ में काम करने वाले दलालों की जानकारी, उससे जुड़ी तस्वीरें व वीडियो भी सौंपेंगे। कर्मचारियों ने दलालों से सांठगांठ के आरोपों को निराधार बताया है। उनका कहना है कि कर्मचारियों को अफसर जानबूझकर टारगेट बना रहे हैं।
सवालः अचानक क्यों जागे अफसर
कर्मचारियों का कहना है कि आरटीओ में दलालों की धरपकड़ को लेकर जिलाधिकारी ने छापा मारा। वीडियो रिकॉर्डिंग हुई। पुलिस को लिस्ट भी सौंपी गई। लेकिन उस पर अफसरों ने कोई कार्रवाई नहीं की। लेकिन स्मार्ट चिप कंपनी के कर्मचारियों को अचानक रडार पर ले लिया जाना संदेह उत्पन्न करता है। कर्मचारियों का आरोप है कि अफसर अपने पसंदीदा कर्मचारियों को तैनात करवाना चाहते हैं, जिसके लिए उन्हें हटाने की तैयारी की जा रही है।
आधिकारिक वर्जन
डीएल संबंधित कार्यों के लिए स्मार्ट चिप की जगह सिल्वर टच को जिम्मेदारी सौंपी गई है। तैनात कर्मचारी पिछले कई वर्षों से काम कर रहे हैं, जिससे शिकायतें आ रही हैं और बाहरी व्यक्तियों से सांठगांठ बन गई। इससे विभाग की छवि धूमिल हो रही है।
-संजय तिवारी, आरटीओ प्रशासन