मेट्रो के काम को तय समय पर पूरा करने की कवायद जारी है। 3.44 किलोमीटर में अंडरग्राउंड मेट्रो का काम अगस्त के बजाय जुलाई के अंतिम सप्ताह में ही शुरू करने की तैयारी है।
1190 करोड़ रुपये की लागत से तुर्की की कंपनी गुलेनमैक जीवी और टाटा प्रोजेक्ट्स को यह निर्माण कराना है। चारबाग से केडी सिंह बाबू स्टेडियम के बीच बनने वाली इस सुरंग के लिए जर्मन तकनीक की टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग किया जाना है।
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि मिट्टी की जरूरी जांच और सर्वे का काम पूरा हो चुका है। ऐसे में अब काम को अगस्त की जगह जुलाई में ही शुरू कराया जा सकता है। टनल बोरिंग मशीन भी जुलाई में ही पहुंच जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो के लिए सुरंग की खोदाई जर्मनी की खास कंपनी की टनल बोरिंग मशीन का उपयोग निर्माण करने वाली कंपनियों से कराने की बात हुई है।
सुरंग का काम कंपनियों को तीन साल में पूरा करना है। काम की शर्तों के मुताबिक सुरंग मेट्रो संचालन के लिए जुलाई 2019 तक बनकर तैयार होनी है। यह सुरंग लखनऊ मेट्रो के फेज-1 प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी।
मेट्रो के अधिकारियों का कहना है कि सुरंग बनाने का काम एलीवेटिड ट्रेक बनाने से अधिक आसान होता है। इसकी वजह ट्रैफिक जैसी दिक्कतें यहां नहीं होती।
इसके उलट जमीन के करीब 15 मीटर नीचे खोदाई बहुत धीमी गति से हो पाती है। इसमें पहले टीबीएम से खोदाई की जाती है। इसी के साथ-साथ सुरंग की दीवारों पर पहले से बनाए गए छल्लों को लगाना होता है।
मेट्रो चलने में 172 दिन बाकी
मेट्रो के संचालन में अभी 172 दिन बाकी हैं। एक दिसंबर से मेट्रो का ट्रायल शुरू करने की डेडलाइन एलएमआरसी ने तय की है। समय पर काम पूरा हो, इसके लिए निर्माण कार्य की रफ्तार बढ़ा दी गई है।
यह ट्रायल सबसे पहले प्रायोरिटी सेक्शन में ट्रांसपोर्टनगर से चारबाग के बीच 8.5 किमी में होना है। सफल ट्रायल के बाद ही यात्रियों के लिए कॉमर्शियल उपयोगशुरू किया जा सकेगा।
एलएमआरसी के सीपीआरओ अमित श्रीवास्तव का कहना है कि जुलाई के अंत में सुरंग पर काम कंपनियां शुरू कर देंगीं। तीन साल का समय इस सुरंग को बनाने में लगना है। वहीं प्रायोरिटी सेक्शन का 80 प्रतिशत सिविल वर्क काम पूरा कर लिया गया है।
एलएमआरसी तीन किमी से अधिक रूट पर पटरियां बिछा चुकी हैं। 533 में से 465 यू-गर्डर रखे जा चुके हैं। ट्रांसपोर्टनगर, कृष्णानगर के स्टेशन कमोबेश बनकर तैयार हैं। बाकी के काम को भी अक्टूबर से पहले समय-सीमा के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
मेट्रोमैन का कार्यक्रम टला
सीपीआरओ ने बताया कि मेट्रोमैन ई श्रीधरन का लखनऊ आने का कार्यक्रम फिलहाल टल गया है। उन्हें पूर्व कार्यक्रम के मुताबिक 10 जून को लखनऊ आना था।
मेट्रो के काम को तय समय पर पूरा करने की कवायद जारी है। 3.44 किलोमीटर में अंडरग्राउंड मेट्रो का काम अगस्त के बजाय जुलाई के अंतिम सप्ताह में ही शुरू करने की तैयारी है।
1190 करोड़ रुपये की लागत से तुर्की की कंपनी गुलेनमैक जीवी और टाटा प्रोजेक्ट्स को यह निर्माण कराना है। चारबाग से केडी सिंह बाबू स्टेडियम के बीच बनने वाली इस सुरंग के लिए जर्मन तकनीक की टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) का उपयोग किया जाना है।
मेट्रो अधिकारियों का कहना है कि मिट्टी की जरूरी जांच और सर्वे का काम पूरा हो चुका है। ऐसे में अब काम को अगस्त की जगह जुलाई में ही शुरू कराया जा सकता है। टनल बोरिंग मशीन भी जुलाई में ही पहुंच जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि मेट्रो के लिए सुरंग की खोदाई जर्मनी की खास कंपनी की टनल बोरिंग मशीन का उपयोग निर्माण करने वाली कंपनियों से कराने की बात हुई है।
सुरंग का काम कंपनियों को तीन साल में पूरा करना है। काम की शर्तों के मुताबिक सुरंग मेट्रो संचालन के लिए जुलाई 2019 तक बनकर तैयार होनी है। यह सुरंग लखनऊ मेट्रो के फेज-1 प्रोजेक्ट का हिस्सा होगी।