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Bhopal News: दो साल बाद भी गेस्ट फैकल्टी के भरोसे बीयू में ऑनर्स कोर्स, अब 31 शिक्षकों की होगी भर्ती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Thu, 13 Nov 2025 07:54 PM IST
सार
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय में बीए और बीकॉम ऑनर्स कोर्स शुरू हुए दो साल बीत चुके हैं, लेकिन पढ़ाई अब तक गेस्ट फैकल्टी के सहारे चल रही है। शिक्षकों की कमी को देखते हुए विश्वविद्यालय ने 31 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो जल्द पूरी होगी।
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बीयू भोपाल
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बरकतउल्ला विश्वविद्यालय (बीयू) में बीए और बीकॉम ऑनर्स कोर्स शुरू हुए दो साल बीत चुके हैं, लेकिन आज भी इनकी पढ़ाई गेस्ट फैकल्टी के सहारे ही चल रही है। वर्ष 2021-22 सत्र में शुरू किए गए इन कोर्सों के लिए विश्वविद्यालय ने अब तक स्थायी शिक्षकों के पद स्वीकृत नहीं कराए थे। नतीजतन, आज भी विभागों में शिक्षक संकट बना हुआ है। अब विश्वविद्यालय ने 31 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है, जो जल्द पूरी की जाएगी। इसके बाद अन्य विभागों में भी रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया आगे बढ़ाई जाएगी।
चार स्थायी टीचर, बाकी पढ़ाई गेस्ट फैकल्टी के सहारे
बीकॉम ऑनर्स विभाग में इस समय करीब 60 छात्र अध्ययनरत हैं, जबकि विभाग में केवल 4 स्थायी शिक्षक हैं। यही प्रोफेसर यूजी और पीजी दोनों कोर्स संभाल रहे हैं। वहीं, बाकी कक्षाएं गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रही हैं। सोशियोलॉजी विभाग की स्थिति भी लगभग ऐसी ही है। यहां 4 स्थायी शिक्षक हैं और लगभग 10 गेस्ट फैकल्टी छात्रों को पढ़ा रही हैं। गेस्ट फैकल्टी पर निर्भरता को लेकर छात्रों में असंतोष जरूर है, लेकिन आगामी भर्ती प्रक्रिया ने उम्मीदें जगा दी हैं। छात्रों का मानना है कि यदि जल्द स्थायी फैकल्टी नियुक्त होती है, तो पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा और नियमित कक्षाएं संचालित हो सकेंगी।
यह भी पढ़ें-एम्स भोपाल के डॉक्टरों ने दुबई में बढ़ाया भारत का मान, पेश की हाथ और कलाई सर्जरी की नई तकनीकें
बार-बार फैकल्टी बदलने से पढ़ाई पर असर
छात्रों का कहना है कि गेस्ट फैकल्टी बार-बार बदलने से पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है। कई बार कक्षाएं हफ्तों तक बंद रहती हैं, क्योंकि अस्थायी शिक्षक दूसरे कॉलेजों में पढ़ाने चले जाते हैं। नई फैकल्टी के आने पर पुराने विषयों की जानकारी का अभाव रहता है, जिससे कोर्स अधूरा रह जाता है।छात्रों का कहना है कि अब उन्हें कई विषयों की तैयारी ऑनलाइन नोट्स या यूट्यूब के जरिए करनी पड़ रही है।
यह भी पढ़ें-रवांडा में लागू होगा भोपाल के सरकारी अस्पताल का मॉडल, राजधानी पहुंचा अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल
विश्वविद्यालय प्रशासन की सफाई
बीयू के कुलपति प्रो. एसके जैन ने स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी है। उन्होंने कह कि यह सही है कि फिलहाल ऑनर्स कोर्स गेस्ट फैकल्टी के भरोसे संचालित हो रहे हैं, लेकिन अब स्थिति में सुधार आने वाला है। विश्वविद्यालय ने 31 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, जो बहुत जल्द पूरी होगी। इसके बाद अन्य पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।
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चार स्थायी टीचर, बाकी पढ़ाई गेस्ट फैकल्टी के सहारे
बीकॉम ऑनर्स विभाग में इस समय करीब 60 छात्र अध्ययनरत हैं, जबकि विभाग में केवल 4 स्थायी शिक्षक हैं। यही प्रोफेसर यूजी और पीजी दोनों कोर्स संभाल रहे हैं। वहीं, बाकी कक्षाएं गेस्ट फैकल्टी के भरोसे चल रही हैं। सोशियोलॉजी विभाग की स्थिति भी लगभग ऐसी ही है। यहां 4 स्थायी शिक्षक हैं और लगभग 10 गेस्ट फैकल्टी छात्रों को पढ़ा रही हैं। गेस्ट फैकल्टी पर निर्भरता को लेकर छात्रों में असंतोष जरूर है, लेकिन आगामी भर्ती प्रक्रिया ने उम्मीदें जगा दी हैं। छात्रों का मानना है कि यदि जल्द स्थायी फैकल्टी नियुक्त होती है, तो पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा और नियमित कक्षाएं संचालित हो सकेंगी।
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बार-बार फैकल्टी बदलने से पढ़ाई पर असर
छात्रों का कहना है कि गेस्ट फैकल्टी बार-बार बदलने से पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है। कई बार कक्षाएं हफ्तों तक बंद रहती हैं, क्योंकि अस्थायी शिक्षक दूसरे कॉलेजों में पढ़ाने चले जाते हैं। नई फैकल्टी के आने पर पुराने विषयों की जानकारी का अभाव रहता है, जिससे कोर्स अधूरा रह जाता है।छात्रों का कहना है कि अब उन्हें कई विषयों की तैयारी ऑनलाइन नोट्स या यूट्यूब के जरिए करनी पड़ रही है।
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विश्वविद्यालय प्रशासन की सफाई
बीयू के कुलपति प्रो. एसके जैन ने स्वीकार किया कि विश्वविद्यालय में शिक्षकों की कमी है। उन्होंने कह कि यह सही है कि फिलहाल ऑनर्स कोर्स गेस्ट फैकल्टी के भरोसे संचालित हो रहे हैं, लेकिन अब स्थिति में सुधार आने वाला है। विश्वविद्यालय ने 31 शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की है, जो बहुत जल्द पूरी होगी। इसके बाद अन्य पदों को भरने की प्रक्रिया भी शुरू की जाएगी।