{"_id":"691723669dc56dd75105eb21","slug":"bhopal-news-third-successful-heart-transplant-at-aiims-bhopal-brain-dead-patient-gets-new-life-through-organ-2025-11-14","type":"story","status":"publish","title_hn":"Bhopal News: एम्स भोपाल में तीसरा सफल हृदय प्रत्यारोपण, ब्रेन-डेड मरीज के अंगदान से मिली नई जिंदगी","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Bhopal News: एम्स भोपाल में तीसरा सफल हृदय प्रत्यारोपण, ब्रेन-डेड मरीज के अंगदान से मिली नई जिंदगी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल
Published by: संदीप तिवारी
Updated Fri, 14 Nov 2025 06:12 PM IST
सार
एम्स भोपाल ने तीसरा हृदय प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक पूरा किया। यह हृदय एक ब्रेन-डेड मरीज से प्राप्त किया गया, जिसके परिजनों ने अंगदान के लिए सहमति देकर एक जरूरतमंद मरीज को नई जिंदगी देने का बड़ा मानवीय फैसला लिया।
विज्ञापन
एम्स भोपाल के चिकित्सकों की टीम
- फोटो : अमर उजाला
विज्ञापन
विस्तार
एम्स भोपाल ने उन्नत चिकित्सा क्षमता और टीम वर्क का एक और बड़ा उदाहरण पेश करते हुए अपना तीसरा सफल हृदय प्रत्यारोपण पूरा किया है। यह हृदय एक ब्रेन-डेड मरीज से प्राप्त किया गया, जिसके परिजनों ने अंगदान को मंजूरी देकर मानवता की मिसाल पेश की और एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को जीवन का दूसरा अवसर दिया। अस्पताल की कार्डियोथोरेसिक एंड वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) टीम ने कार्डियोलॉजी और कार्डियक एनेस्थीसिया विभाग के विशेषज्ञों के साथ मिलकर इस जटिल प्रक्रिया को अंजाम दिया। प्रत्यारोपण टीम में डॉ. योगेश निवारिया, डॉ. एम. किशन, डॉ. सुरेंद्र यादव, डॉ. राहुल शर्मा, डॉ. विक्रम वट्टी और डॉ. आदित्य सिरोही शामिल रहे। कार्डियोलॉजी विभाग से डॉ. भूषण शाह और डॉ. सुदेश प्रजापति ने महत्वपूर्ण चिकित्सकीय भूमिका निभाई।
ऑपरेशन कई घंटों तक चला
कार्डियक एनेस्थीसिया की जिम्मेदारी डॉ. पूजा, डॉ. हरीश और डॉ. नागभूषणम ने संभाली, जबकि पूरी प्रक्रिया का बेहतर समन्वय और मॉनिटरिंग डॉ. वैशाली वेंडेस्कर ने की। अस्पताल प्रशासन के अनुसार ऑपरेशन कई घंटों तक चला और मरीज की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
यह भी पढ़ें-SIR में तेजी के निर्देश, बीएलओ-सुपरवाइजर से सतत संवाद करें अधिकारी, हर समस्या का तुरंत हो समाधान
संस्थान के लिए गर्व का क्षण
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने इस सफलता को संस्थान के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि उन्नत हृदय प्रत्यारोपण जैसी जटिल प्रक्रिया का लगातार सफल होना एम्स भोपाल की बढ़ती विशेषज्ञता, अत्याधुनिक सुविधाओं और प्रशिक्षित मेडिकल टीम की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने अंगदान करने वाले परिवार के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे फैसले कई जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदायी साबित होते हैं।
यह भी पढ़ें-78वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा की शुरुआत, चार दिन तक चलेंगी तकरीरें, 19 देशों के जायरीनों का आना जारी
सुपर स्पेशलिटी बन रहा एम्स भोपाल
एम्स भोपाल ने पिछले कुछ वर्षों में जटिल सर्जरी, उन्नत उपचार और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। लगातार सफल हो रहे अंग प्रत्यारोपण इस बात का प्रमाण हैं कि संस्थान मध्य भारत में सुपर स्पेशलिटी उपचार का एक भरोसेमंद केंद्र बनता जा रहा है।
Trending Videos
ऑपरेशन कई घंटों तक चला
कार्डियक एनेस्थीसिया की जिम्मेदारी डॉ. पूजा, डॉ. हरीश और डॉ. नागभूषणम ने संभाली, जबकि पूरी प्रक्रिया का बेहतर समन्वय और मॉनिटरिंग डॉ. वैशाली वेंडेस्कर ने की। अस्पताल प्रशासन के अनुसार ऑपरेशन कई घंटों तक चला और मरीज की स्थिति अब स्थिर बताई जा रही है।
विज्ञापन
विज्ञापन
यह भी पढ़ें-SIR में तेजी के निर्देश, बीएलओ-सुपरवाइजर से सतत संवाद करें अधिकारी, हर समस्या का तुरंत हो समाधान
संस्थान के लिए गर्व का क्षण
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक एवं सीईओ प्रो. (डॉ.) माधवानंद कर ने इस सफलता को संस्थान के लिए गर्व का क्षण बताया। उन्होंने कहा कि उन्नत हृदय प्रत्यारोपण जैसी जटिल प्रक्रिया का लगातार सफल होना एम्स भोपाल की बढ़ती विशेषज्ञता, अत्याधुनिक सुविधाओं और प्रशिक्षित मेडिकल टीम की क्षमता को दर्शाता है। उन्होंने अंगदान करने वाले परिवार के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे फैसले कई जरूरतमंद मरीजों के लिए जीवनदायी साबित होते हैं।
यह भी पढ़ें-78वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा की शुरुआत, चार दिन तक चलेंगी तकरीरें, 19 देशों के जायरीनों का आना जारी
सुपर स्पेशलिटी बन रहा एम्स भोपाल
एम्स भोपाल ने पिछले कुछ वर्षों में जटिल सर्जरी, उन्नत उपचार और चिकित्सा अनुसंधान के क्षेत्र में तेजी से प्रगति की है। लगातार सफल हो रहे अंग प्रत्यारोपण इस बात का प्रमाण हैं कि संस्थान मध्य भारत में सुपर स्पेशलिटी उपचार का एक भरोसेमंद केंद्र बनता जा रहा है।