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MP News: धान उपार्जन घोटाले की CBI जांच कराएं, जीतू पटवारी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, करोड़ों के घोटाले का शक
न्यूज डेस्क, भोपाल, मध्य प्रदेश
Published by: आनंद पवार
Updated Fri, 07 Mar 2025 08:45 PM IST
सार
मध्य प्रदेश में धान उपार्जन में घोटाले पर अब सियासत भी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने करोड़ों के घोटाले का संदेह जताया है।
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जीतू पटवारी।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
मध्य प्रदेश में धान उपार्जन में घोटाले की शिकायत के बाद ईओडब्ल्यू ने जांच शुरू कर दी है। एजेंसी ने कई जिलों के उपार्जन केंद्रों पर छापा मारा है। अब इसको लेकर सियासत भी तेज हो गई है। इसी को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। उन्होंने सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। साथ ही आशंका जताई कि घोटाला कई सौ करोड़ रुपये का है। पटवारी ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा कि मध्य प्रदेश में किसानों के साथ हो रही धोखाधड़ी और व्यापक भ्रष्टाचार को लेकर मैं आपका ध्यान एक बड़े घोटाले की ओर दिलाना चाहता हूं। प्रदेश में धान उपार्जन में बड़े पैमाने पर घोटाला सामने आया है, जिसमें अधिकारियों की मिलीभगत और सरकारी संरक्षण से किसानों के हक पर डाका डाला गया है, लेकिन राज्य सरकार इसे दबाने का प्रयास कर रही है। पटवारी ने आरोप लगाया कि इस घोटाले में भाजपा की प्रदेश सरकार के प्रभावशाली नेताओं की संलिप्तता के कारण निष्पक्ष जांच की संभावना नहीं है। जैसा कि पहले भी देखा गया है, सरकार अपने कुछ प्यादों पर कार्रवाई कर असली दोषियों को बचाने का प्रयास करती है। इसलिए, हम मांग करते हैं कि इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए, ताकि असली दोषियों को कानून के कटघरे में खड़ा किया जा सके। जीतू पटवारी ने कहा कि अगर इस विषय पर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो एमपी कांग्रेस किसानों के साथ सड़कों पर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी। हम किसानों के साथ हुए इस अन्याय को किसी भी कीमत पर सहन नहीं करेंगे। आशा है कि आप इस गंभीर मुद्दे पर त्वरित संज्ञान लेंगे और न्याय सुनिश्चित करेंगे।
भ्रष्टाचार का गढ़ बना मध्य प्रदेश- पटवारी
पटवारी ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है, जब भाजपा सरकार के संरक्षण में इस तरह का घोटाला हुआ हो। परिवहन घोटाला, महाकाल लोक घोटाला, आदिवासी छात्रवृत्ति घोटाला और अब धान उपार्जन घोटाला, ये दर्शाते हैं कि मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार किसानों को ठगने का काम कर रही है। पहले तो समर्थन मूल्य पर धान खरीद में गड़बड़ी की गई और अब किसानों की उपज को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। अगर इस घोटाले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह किसानों के साथ घोर अन्याय होगा।
ईओडब्ल्यू ने 12 जिलों में की छापेमारी
ईओडब्ल्यू ने 12 जिलों में की गई छापेमारी में 150 उपार्जन समितियों और 140 वेयरहाउसों में भ्रष्टाचार के प्रमाण सामने हैं। अब तक की जांच में 19,910.53 मीट्रिक टन धान की हेराफेरी के सबूत मिले हैं, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये आंकी गई है। सतना के एक वेयरहाउस में तो धान की जगह 535 क्विंटल भूसी पाई गई, जो दर्शाता है कि यह घोटाला कितने सुनियोजित तरीके से किया गया।
कांग्रेस ने दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की - - धान उपार्जन घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।, - जांच पूरी होने तक दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाए। , - राजनीतिक संरक्षण की भी ईमानदारी से जांच की जाए।, - किसानों को उनकी उपज का पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाए।,
- भ्रष्टाचार में लिप्त वेयरहाउस संचालकों और समितियों पर भी कड़ी कानूनी कार्रवाई हो।
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भ्रष्टाचार का गढ़ बना मध्य प्रदेश- पटवारी
पटवारी ने कहा कि यह पहला अवसर नहीं है, जब भाजपा सरकार के संरक्षण में इस तरह का घोटाला हुआ हो। परिवहन घोटाला, महाकाल लोक घोटाला, आदिवासी छात्रवृत्ति घोटाला और अब धान उपार्जन घोटाला, ये दर्शाते हैं कि मध्य प्रदेश भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। सच्चाई यह है कि भाजपा सरकार किसानों को ठगने का काम कर रही है। पहले तो समर्थन मूल्य पर धान खरीद में गड़बड़ी की गई और अब किसानों की उपज को भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिया गया। अगर इस घोटाले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई, तो यह किसानों के साथ घोर अन्याय होगा।
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ईओडब्ल्यू ने 12 जिलों में की छापेमारी
ईओडब्ल्यू ने 12 जिलों में की गई छापेमारी में 150 उपार्जन समितियों और 140 वेयरहाउसों में भ्रष्टाचार के प्रमाण सामने हैं। अब तक की जांच में 19,910.53 मीट्रिक टन धान की हेराफेरी के सबूत मिले हैं, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये आंकी गई है। सतना के एक वेयरहाउस में तो धान की जगह 535 क्विंटल भूसी पाई गई, जो दर्शाता है कि यह घोटाला कितने सुनियोजित तरीके से किया गया।
कांग्रेस ने दोषी अधिकारियों को निलंबित करने की मांग की - - धान उपार्जन घोटाले की जांच सीबीआई से करवाई जाए।, - जांच पूरी होने तक दोषी अधिकारियों को निलंबित किया जाए। , - राजनीतिक संरक्षण की भी ईमानदारी से जांच की जाए।, - किसानों को उनकी उपज का पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जाए।,
- भ्रष्टाचार में लिप्त वेयरहाउस संचालकों और समितियों पर भी कड़ी कानूनी कार्रवाई हो।