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MP News: बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के नवागत कुलगुरु बनें डॉ. राकेश, जानें कैसा रहा है इनका एकेडमिक सफर?

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर Published by: तरुणेंद्र चतुर्वेदी Updated Tue, 02 Dec 2025 03:13 PM IST
सार

महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर में नए कुलगुरु के रूप में डॉ. राकेश सिंह कुशवाहा ने सोमवार रात पदभार संभाल लिया। पूर्व कुलगुरु शुभा तिवारी पर धारा 52 की कार्रवाई के बाद यह नियुक्ति की गई है। पढ़ें पूरी खबर

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Dr. Rakesh Singh Kushwaha took charge as the new Vice Chancellor of Maharaja Chhatrasal Bundelkhand University
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के नवागत कुलगुरु का पदभार संभाल डॉ. राकेश सिंह कुशवाहा ने। - फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश के राजपाल व कुलाधिपति मंगुभाई पटेल ने आदेश जारी करते हुए डॉ. राकेश सिंह कुशवाहा को महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर का नया कुलगुरु नियुक्त किया है। सोमवार रात 8:30 बजे डॉ. कुशवाहा ने पदभार ग्रहण कर लिया। वे अब तक जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में कुलसचिव के पद पर सेवाएं दे रहे थे।

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पदभार ग्रहण करने के बाद उन्होंने विश्वविद्यालय की कार्यप्रणाली को लेकर अधिकारियों से चर्चा की और विस्तृत जानकारी प्राप्त की। बात दें कि महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में अनिमिताओं के चलते कुलगुरु शुभा तिवारी पर हुई थी। धारा 52 की कार्रवाई की गई थी।

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कानपुर से गहरा रिश्ता
डॉ. राकेश सिंह कुशवाहा का जन्म 2 दिसंबर 1962 को राजपुर, कानपुर देहात (उ.प्र.) में हुआ। उन्होंने शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, ग्वालियर से बीएससी तथा जीवाजी विश्वविद्यालय की वनस्पतिकी अध्ययनशाला से एमएससी (बॉटनी) की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 1990 में उन्होंने जीवाजी विश्वविद्यालय से वनस्पति विज्ञान विषय में पीएचडी की उपाधि हासिल की।

कुछ ऐसा रहा एकेडमिक सफर
डॉ. कुशवाहा कई सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं से भी जुड़े रहे हैं। उन्होंने 10 मार्च 1986 को वनस्पति शास्त्र में सहायक प्राध्यापक के रूप में शासकीय महाविद्यालय मुरार, ग्वालियर में सेवाएं प्रारंभ कीं। इसके बाद 1995 से 2015 तक शासकीय विज्ञान महाविद्यालय, ग्वालियर में कार्यरत रहे।


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दिसंबर 2016 से जनवरी 2019 तक वे जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में परीक्षा नियंत्रक रहे। 3 मई 2023 से 9 मई 2025 तक वे संस्कृति विभाग के तहत संचालित राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय, ग्वालियर में कुलसचिव रहे। इसके बाद 10 मई से अब तक वे जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर में कुलसचिव के पद पर कार्यरत थे।

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