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Chhatarpur News: 200 साल पुराने रियासतकालीन जीर्णशीर्ण महल का हिस्सा ढहा, आसपास के लोगों में दशहत
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, छतरपुर
Published by: छतरपुर ब्यूरो
Updated Wed, 03 Sep 2025 09:03 AM IST
सार
इस हादसे में किसी तरह की जनहानि नहीं हुई और महल में संचालित निजी विद्यालय को भी स्थानांतरित कर दिया गया है। स्थानीय लोग अब भी भयभीत हैं क्योंकि आधा जर्जर महल खड़ा है और गिरे हुए हिस्से का मलबा तीन दिन बीत जाने के बाद भी वहीं पड़ा हुआ है।
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जीर्णशीर्ण महल दे रहा हादसे को आमंत्रण, हो सकती है अनहोनी..
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विस्तार
शहर की पुरानी तहसील के समीप स्थित करीब 200 वर्ष पुराने रियासतकालीन महल का कुछ हिस्सा गत शनिवार को बारिश के कारण ढह गया था। हालांकि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई थी और उक्त महल में चल रहे निजी विद्यालय को भी यहां से स्थानांतरित कर दिया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया है कि चूंकि गिरे हुए महल का कुछ हिस्सा अब भी यहां खड़ा है, जिससे आसपास रहने वाले परिवार दहशत में हैं।
लोगों ने बताया कि महल का आधा हिस्सा धराशायी हुआ था, जिसका मलबा अभी मौके पर ही पड़ा है। हादसे के दिन मुआयना करने आए एसडीएम अखिल राठौर ने नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग को इमारत को गिराने के निर्देश दिए थे, लेकिन तीन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गिरे हुए हिस्से का मलबा और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में खड़ा आधा महल उनके लिए दहशत का कारण बना हुआ है।
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उल्लेखनीय है कि पुरानी तहसील के समीप स्थित यह रियासत कालीन महल बारिश के कारण कमजोर हो गया था। गत शनिवार की सुबह करीब 7 बजे हुई हल्की बारिश के दौरान महल का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया। इसी भवन में एक निजी विद्यालय भी संचालित हो रहा था लेकिन हादसा सुबह के वक्त होने के कारण विद्यालय खाली था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। भवन गिरने की सूचना मिलने पर एसडीएम अखिल राठौर और सीएसपी अरुण कुमार सोनी मौके पर पहुंचे थे, जिन्होंने तुरंत स्कूल को खाली करवाकर अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे। उक्त निर्देश के बाद विद्यालय का स्थान तो परिवर्तित हो गया है लेकिन मौके पर पड़ा मलबा और भवन का शेष हिस्सा अभी ज्यों का त्यों खड़ा है, जिससे लोग दहशत में हैं।
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लोगों ने बताया कि महल का आधा हिस्सा धराशायी हुआ था, जिसका मलबा अभी मौके पर ही पड़ा है। हादसे के दिन मुआयना करने आए एसडीएम अखिल राठौर ने नगर पालिका और लोक निर्माण विभाग को इमारत को गिराने के निर्देश दिए थे, लेकिन तीन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। स्थानीय लोगों ने बताया कि गिरे हुए हिस्से का मलबा और जीर्ण-शीर्ण अवस्था में खड़ा आधा महल उनके लिए दहशत का कारण बना हुआ है।
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उल्लेखनीय है कि पुरानी तहसील के समीप स्थित यह रियासत कालीन महल बारिश के कारण कमजोर हो गया था। गत शनिवार की सुबह करीब 7 बजे हुई हल्की बारिश के दौरान महल का एक हिस्सा भरभराकर गिर गया। इसी भवन में एक निजी विद्यालय भी संचालित हो रहा था लेकिन हादसा सुबह के वक्त होने के कारण विद्यालय खाली था, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। भवन गिरने की सूचना मिलने पर एसडीएम अखिल राठौर और सीएसपी अरुण कुमार सोनी मौके पर पहुंचे थे, जिन्होंने तुरंत स्कूल को खाली करवाकर अन्य स्थान पर स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे। उक्त निर्देश के बाद विद्यालय का स्थान तो परिवर्तित हो गया है लेकिन मौके पर पड़ा मलबा और भवन का शेष हिस्सा अभी ज्यों का त्यों खड़ा है, जिससे लोग दहशत में हैं।