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MP News: 50 हजार की धरम और पांच दिन का इंतजार तय करेगा दोषी कौन? पंचों ने भरवाया पंचनामा; जानें पूरा मामला

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, ग्वालियर Published by: अर्पित याज्ञनिक Updated Tue, 02 Dec 2025 07:31 PM IST
सार

मां और पिता दोनों ने एक-दूसरे पर आरोप लगाया, जिसके बाद पंचों की मौजूदगी में सभी संदेही रिश्तेदारों ने महादेव के गर्भगृह में कसम उठाई कि उनका घटना में कोई हाथ नहीं है। अदालत ने 50 हजार का ‘धरम’ तय किया है, जिसके तहत पांच दिन के भीतर किसी भी पक्ष को बड़ा नुकसान होने पर दोषी माना जाएगा।

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Gwalior News: Case of a child missing for a month reaches Magistrate Mahadev court
ग्वालियर के मजिस्ट्रेट महादेव। - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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ग्वालियर के मोहनपुर गांव इलाके से बीते एक महीने से तीन साल का मासूम रितेश पाल लापता है। उसकी इस अपहरण मिस्ट्री को सुलझाने की जिम्मेदारी अब मजिस्ट्रेट महादेव को सौंपी गई है। पुलिस से उम्मीद टूटने के बाद मजिस्ट्रेट महादेव की आदलत ने परिजनों को फैसला सुनाया है।

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दरअसल महाराजपुरा स्तिथ गिरगांव में महादेव का प्राचीन मंदिर है। ग्वालियर चंबल अंचल में इन्हें मजिस्ट्रेट महादेव कहा जाता है और मजिस्ट्रेट महादेव के परिसर में लगती है उनकी अदालत। कौन दोषी होगा? किसे मिलेगा न्याय? ये सब सुनवाई के बाद तय होता है। मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में इस बार 03 साल के मासूम रितेश पाल के अपहरण की अनसुलझी गुत्थी का मामला पहुंचा। मजिस्ट्रेट महादेव की आदलत में सुनवाई के लिए रितेश के पिता पक्ष और मां पक्ष के लोग भी पहुंचे। मंदिर की मान्यता के तहत मंदिर के मौजूदा पंचों ने दोनों पक्षों को सुना। मां सपना का आरोप है कि रितेश के पिता जसवंत पाल ने ही उसका अपहरण या कोई अनहोनी घटना की है। वहीं पिता जसवंत ने मां सपना और उसके भाई सहित अन्य परिवारजनों पर वारदात करने का आरोप लगाया।
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पंचनामा भरवाते पंच। - फोटो : अमर उजाला
पंचों के सामने पेश हुए दोनों पक्ष
लगभग 03 घंटे तक चली मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में दोनों पक्षों की दलीलों को सुना गया। छोटी-छोटी नोकझोंक के बीच वक्त आया मंदिर की मान्यताओं को निभाने का। जिसके तहत मजिस्ट्रेट महादेव के दरबार यानी गर्भगृह में दोनों पक्षों को पंचों की मौजूदगी में पेश किया गया। मासूम रीतेश पाल की मां सपना, मामा, मामी के अलावा पिता जसवंत, दादा सहित संदेही रिश्तेदारों ने महादेव की धरम यानी कसम उठाई। दोनों ने कसम उठाते हुए कहा कि मासूम रितेश पाल के अपहरण या कोई भी घटना कारित करने, उसमे मदद करने में उनका कोई हाथ नहीं है। हालांकि दोनों पक्षों के द्वारा उठाई गई कसम से फिलहाल अभी यह साफ नहीं हो सका है कि आखिर रीतेश कहां है।

मां बोली- मजिस्ट्रेट महादेव पर भरोसा
रीतेश की मां सपना पाल का कहना है कि पुलिस एक महीना बीत जाने के बाद भी उनके बच्चे को खोज नहीं पाई है। ऐसे में पुलिस से उम्मीद खत्म होने के बाद मजिस्ट्रेट महादेव पर भरोसा किया है। महादेव के दरबार में उठाई गई कसम तय करेगी कि कौन लोग रितेश के अपहरण में दोषी या सहयोगी हैं। वहीं पिता जसवंत पाल का कहना है कि मजिस्ट्रेट महादेव ही अब न्याय करेंगे। दोनों पक्षों ने जो आरोप एक दूसरे पर लगाया, उसके बाद सभी ने पंचों की मौजूदगी कसम उठाई। यदि किसी ने भी झूठी कसम उठाई तो सजा का फैसला मजिस्ट्रेट महादेव करेंगे।

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मजिस्ट्रेट महादेव। - फोटो : अमर उजाला
धरम तय करेगी दोषी कौन
मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत में मुख्य पंच अमर सिंह ने कसम उठाने से पहले पंचनामा बनाया। दोनों पक्षों के दस्तखत हुए। फिर कसम उठाई गई। अमर सिंह का कहना है कि मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत ने 50 हजार का धरम तय किया है। इसके तहत कसम उठाने वालों के साथ यदि आने वाले पांच दिनों के अंदर 50 हजार कीमत से ज्यादा का कोई भी नुकसान या जनहानि होती है तो उस कसम उठाने वाले और उसके पक्ष को दोषी माना जाएगा।

पुलिस टीम जांच में जुटी
इस अनसुलझी अपहरण मिस्ट्री के मामले में जांच कर रही IPS अफसर ASP अनु बेनिबाल का कहना है कि रितेश को लेकर विशेष टीम जांच कर रही है। शहर से लेकर जंगल तक में खोजबीन जारी है। सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले गए हैं। संदेहियों से सख्ती से पूछताछ भी की गई है। वर्तमान में अभी जांच जारी है, ऐसे में जो भी अपडेट होगा वह जल्द सबके सामने आएगा।

ये हे मामला
बता दें कि तीन साल का रितेश पाल एक नवंबर को मोहनपुर गांव में अपने नाना के घर से अचानक लापता हो गया था। इसके बाद लगभग 500 से ज्यादा जवान और अधिकारियों की टीम ने जंगल की खाक छानी। ड्रोन से भी सर्चिंग की गई और हर एंगल से बच्चे को खोजने का प्रयास हुआ, लेकिन एक माह बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ अभी भी खाली हैं। वहीं दूसरी ओर अब गिरगांव स्थित मजिस्ट्रेट महादेव की अदालत और उसके फैसले पर रीतेश से जुड़े परिजनों रिश्तेदारों ने भरोसा जताया है।

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