नगर निगम चुनाव का रंग चढ़ने लगा है। नाम वापसी के बाद तस्वीर साफ हो गई है और 19 प्रत्याशी महापौर बनने का सपना लिए मैदान में हैं। जनसंपर्क तेज हो रहा है और मतदाताओं को लुभाने के लिए हर तरह के जतन किए जा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कारण बताओ नोटिस मिला है।
दरअसल दो आवेदकों ने शिकायत की थी कि वोट पाने के लिए संजय शुक्ला धार्मिक, सांप्रदायिक, जातीय भावनाओं का सहारा ले रहे हैं। यह कृत्य आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन है। इस पर शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 24 घंटे में इसका जवाब देना है। संतोषप्रद जवाब न मिलने की स्थिति में आचरण संहिता के उल्लंघन के आधार पर सुसंगत धाराओं में वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
विधायक ने दिया ये जवाब
इस मामले में प्रत्याशी संजय शुक्ला ने जवाब दिया कि चुनाव प्रचार के दौरान मैंने न तो श्रीकृष्ण की मूर्ति अपने हाथों एवं सर पर धारण कर कभी चुनाव प्रचार नहीं किया और न ही हिन्दू धर्म के अनुयायियों से मूर्ति हाथों और सर पर धारण कर मतदान करने की अपील की। चुनाव प्रचार के दौरान एक बच्ची ने मुझे तिलक लगाने के लिए थाली में लड्डू गोपाल की मूर्ति रखी थी। मैंने उस मूर्ति को उठाकर सिर से लगाया था। यह हिंदूवादी व्यक्ति के धार्मिक संस्कारों में आता है। मेरी लोकप्रियता के कारण विपक्षी दल के लोग झूठी शिकायत कर मुझे फंसाना चाहते हैं।
ये प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में
महापौर पद के लिए राजनीतिक दलों में भाजपा के पुष्यमित्र भार्गव, कांग्रेस के संजय शुक्ला, आप पार्टी के कमल गुप्ता, बसपा की लीलाबाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कुलदीप सिंह, सोशलिस्ट पार्टी के मुकेश चौधरी, आजाद समाज पार्टी के संतोष कुमार कल्याणे, जनसंघ के प्रवीण कुमार अजमेरा, आम भारतीय पार्टी के नासिर मोहम्मद और सोशलिस्ट पार्टी के रजनीश कुमार जैन चुनाव मैदान में हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों में डा. संजय बिंदल, परमानंद तोलानी, बाबूलाल सुखराम, प्रकाश महावर कोली, पंकज गुप्ते, कैलाश रामदास, महेंद्र मकासरे, संतोष शर्मा और मनोज जैन हैं। पार्षद के 356 उम्मीदवार चुनाव मैदान से हट गए हैं। 85 वार्डों में अब 323 प्रत्याशी मैदान में हैं। बुधवार को नाम वापसी के अंतिम दिन 324 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिया था। मंगलवार को 32 उम्मीदवार हट चुके थे। पार्टी के उम्मीदवारों को उनके चुनाव चिह्नों के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव चिह्नों का आवंटन कर दिया गया है।
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नगर निगम चुनाव का रंग चढ़ने लगा है। नाम वापसी के बाद तस्वीर साफ हो गई है और 19 प्रत्याशी महापौर बनने का सपना लिए मैदान में हैं। जनसंपर्क तेज हो रहा है और मतदाताओं को लुभाने के लिए हर तरह के जतन किए जा रहे हैं। इसी बीच कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला को आचार संहिता उल्लंघन के मामले में कारण बताओ नोटिस मिला है।
दरअसल दो आवेदकों ने शिकायत की थी कि वोट पाने के लिए संजय शुक्ला धार्मिक, सांप्रदायिक, जातीय भावनाओं का सहारा ले रहे हैं। यह कृत्य आदर्श आचरण संहिता का उल्लंघन है। इस पर शुक्ला को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। 24 घंटे में इसका जवाब देना है। संतोषप्रद जवाब न मिलने की स्थिति में आचरण संहिता के उल्लंघन के आधार पर सुसंगत धाराओं में वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
विधायक ने दिया ये जवाब
इस मामले में प्रत्याशी संजय शुक्ला ने जवाब दिया कि चुनाव प्रचार के दौरान मैंने न तो श्रीकृष्ण की मूर्ति अपने हाथों एवं सर पर धारण कर कभी चुनाव प्रचार नहीं किया और न ही हिन्दू धर्म के अनुयायियों से मूर्ति हाथों और सर पर धारण कर मतदान करने की अपील की। चुनाव प्रचार के दौरान एक बच्ची ने मुझे तिलक लगाने के लिए थाली में लड्डू गोपाल की मूर्ति रखी थी। मैंने उस मूर्ति को उठाकर सिर से लगाया था। यह हिंदूवादी व्यक्ति के धार्मिक संस्कारों में आता है। मेरी लोकप्रियता के कारण विपक्षी दल के लोग झूठी शिकायत कर मुझे फंसाना चाहते हैं।
ये प्रत्याशी हैं चुनाव मैदान में
महापौर पद के लिए राजनीतिक दलों में भाजपा के पुष्यमित्र भार्गव, कांग्रेस के संजय शुक्ला, आप पार्टी के कमल गुप्ता, बसपा की लीलाबाई, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के कुलदीप सिंह, सोशलिस्ट पार्टी के मुकेश चौधरी, आजाद समाज पार्टी के संतोष कुमार कल्याणे, जनसंघ के प्रवीण कुमार अजमेरा, आम भारतीय पार्टी के नासिर मोहम्मद और सोशलिस्ट पार्टी के रजनीश कुमार जैन चुनाव मैदान में हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों में डा. संजय बिंदल, परमानंद तोलानी, बाबूलाल सुखराम, प्रकाश महावर कोली, पंकज गुप्ते, कैलाश रामदास, महेंद्र मकासरे, संतोष शर्मा और मनोज जैन हैं। पार्षद के 356 उम्मीदवार चुनाव मैदान से हट गए हैं। 85 वार्डों में अब 323 प्रत्याशी मैदान में हैं। बुधवार को नाम वापसी के अंतिम दिन 324 उम्मीदवारों ने नाम वापस लिया था। मंगलवार को 32 उम्मीदवार हट चुके थे। पार्टी के उम्मीदवारों को उनके चुनाव चिह्नों के अलावा निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव चिह्नों का आवंटन कर दिया गया है।