Indore: दिल्ली धमाके का महू कनेक्शन, अलफलाह विवि का ट्रस्ट महू के जवाद ने बनाया था
महू में जवाद का परिवार रहता था। 25 साल पहले महू में उसके परिवार ने निवेश कंपनी खोली। वो रकम दो गुनी करने के नाम पर निवेशकों को फंसाते थे। जब लोगों ने परिवार से अपनी रकम वापस मांगी तो परिवार महू से भाग गया।
विस्तार
दिल्ली को दहलाने वाले आंतकी अलफलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। इस यूनिवर्सिटी का ट्रस्ट महू निवासी जवाद अहमद सिद्दकी ने स्थापित किया था। महू में उसके परिवार पर गड़बड़ करने का आरोप लगा था। इस परिवार ने निेवेश कंपनी के नाम पर लोगों के साथ ठगी की थी। फिर रातों रात महू से परिवार गायब हो गया था। दिल्ली की घटना के बाद महू पुलिस फिर से जवाद के महू में रहने वाले रिश्तेदारों और पुराने संपर्कों की जानकारी जुटा रही है।
महू से भागने के बाद रखी थी काॅलेज की नींव
जवाद ने सबसे पहले इंजीनियरिंग काॅलेज खोला था। बाद में उसने यूनिवर्सिटी की नींव रखी थी। जवाद ही यूनिवर्सिटी का कुलाधिपति है और ट्रस्ट का अध्यक्ष भी है।36 साल का आंतकी मुजम्मिल शकील अलफलाह यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर था। वहीं कथित तौर पर कार को लाल किले तक ले जाने वाला डॉ. मोहम्मद नबी उमर भी अलफलाह यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर था। अब जांच एजेंसियों की इस यूनिवर्सिटी से जुड़ी गतिविधियों पर नजर है।
ये भी पढ़ें-वेस्ट यूपी में आतंकी नेटवर्क खड़ा करना चाहता था डॉ आदिल, इसलिए अनंतनाग मेडिकल कॉलेज से नौकरी छोड़ यहां आया
महू में चलता था निजी बैंक, केस भी दर्ज
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जवाद का परिवार लोगों को दोगुना मुनाफा देने का लालच देता था। ऐसा करके वो लोगों के पैसों से निजी बैंक चलाने लगा था। इसके बाद महू में वर्ष 2001 में अलफलाह इन्वेस्टमेंट कंपनी खोली थी। जब तय दावे के अनुसार पैसा नहीं लौटाया तो महू के पीडि़तों ने निवेश का पैसा लौटाने के लिए परिवार पर दबाव बनाया। इसके बाद जवाद का परिवार महू से चला गया। इसके बाद उन्होंने काॅलेज की नींव रखी। तब जवाद के भाई हमूद पर महू में केस भी दर्ज हुआ था। एडिशनल एसपी रूपेश द्विवेदी ने बताया कि जवाद का परिवार महू के कायस्थ मोहल्ले में रहता था। उसके पिता मोहम्मद हामिद महू के शहरकाजी भी रह चुके हैं।