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Madhya Pradesh: कमलनाथ का शिवराज पर तंज, बोले जवाबदारी निभाने के समय नाटक-नौटंकी में लग जाते हैं

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Wed, 25 May 2022 08:27 AM IST
सार

मुख्यमंत्री शिवराज के आंगनवाड़ियों में जनभागीदारी बढ़ाने ठेला लेकर खिलौने लेने निकलने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निशाना साधा है। कमलनाथ ने कहा कि जब जिम्मेदारी निभाने का समय आता है तो उससे भाग कर मुख्यमंत्री इंवेट-नाटक-नौटंकी में लग जाते है।

Madhya Pradesh: Kamal Nath's taunt on Shivraj, said that while fulfilling the responsibility, they indulge in drama and gimmicks
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष कमलनाथ - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आंगनवाड़ियों में जनभागीदारी बढ़ाने ठेला लेकर खिलौने लेने निकलने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने निशाना साधा है। कमलनाथ ने कहा कि जब जिम्मेदारी निभाने का समय आता है तो उससे भाग कर मुख्यमंत्री इंवेट-नाटक-नौटंकी में लग जाते हैं।

 
पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि आज जब प्रदेश में कुपोषण निरंतर बढ़ता जा रहा है, मध्य प्रदेश कुपोषण के मामले में देश में शीर्ष पर पहुंच चुका है, आज आवश्यकता है कि बच्चों को ठीक पोषण आहार मिले, वो सुपोषित हों,आंगनवाड़ी के बच्चों को सभी सुविधाएं मिले, इसको लेकर ठीक कार्ययोजना बने, इसके नाम पर चली आ रही योजनाओं में जो वर्षों से भ्रष्टाचार व घोटाले हो रहे हैं, उस पर रोक लगे, लेकिन हमारे शिवराज जी एक बार फिर जिम्मेदारी निभाने की बजाय, इससे भागकर अब ठेला लेकर सड़कों पर निकल पड़े हैं।

 
कमलनाथ ने कहा कि अब वो जनता से सहयोग मांग रहे हैं, पुराने खिलौने व सामग्री एकत्रित कर रहे हैं..? बड़ा ही शर्मनाक है कि इस कार्यक्रम को भी इवेंट बनाकर, इसके प्रचार-प्रसार पर ही करोड़ों खर्च किये जा रहे हैं। जबकि इस राशि से कई आंगनवाड़ियों की दशा सुधारी जा सकती थी। कमलनाथ ने कहा कि खुद शिवराज सरकार ने हाल ही में विधानसभा में स्वीकारा है कि मध्य प्रदेश में अभी भी 10 लाख 32 हजार 166 बच्चे कुपोषित हैं और इसमें से 6 लाख 30 हजार 90 बच्चे अति कुपोषित श्रेणी में हैं।
 
कमलनाथ ने कहा कि मध्य प्रदेश में अभी भी 5 साल से कम उम्र के 42% बच्चे कुपोषित हैं। जनगणना निदेशालय की सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम द्वारा जारी रिपोर्ट के मुताबिक मध्य प्रदेश में आज भी 1000 में से 33 बच्चे जन्म के 28 दिन बाद ही दम तोड़ देते हैं। यह स्थिति 17 वर्षों की भाजपा सरकार की है। वहीं क्राई की हाल ही में सामने आयी रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि प्रदेश में प्रतिदिन 29 बच्चे लापता हुए हैं और वर्ष 2021 में इसमें 26% की बढ़ोतरी हुई है।
 
कमलनाथ ने कहा कि इस भयावह व गंभीर स्थिति के बाद तो आवश्यकता है कि इसकी रोकथाम के लिये ठोस कार्य हों, ठोस कार्ययोजना बने, हम भी चाहते हैं कि आंगनवाड़ी की स्थितियां सुधरें, कुपोषण दूर हो, बच्चे स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें लेकिन हमारे मुख्यमंत्री तो ठेला चलाकर कुपोषण को दूर करने व स्थितियां सुधारने निकल पड़े हैं?
 
उन्होंने कहा कि एक दिन के ठेला इवेंट से स्थितियां कैसे सुधरेगी, यह भी आपको प्रदेश की जनता को बताना चाहिए। क्या इससे बच्चे सुपोषित हो जाएंगे? शिशु मृत्यु दर के आंकड़े कम हो जाएंगे? क्या आंगनवाड़ियों की अव्यवस्था दूर हो जाएगी? तो क्या सरकारी खजाने से आंगनवाड़ी के बच्चों की मदद नहीं की जा सकती है, उन्हें खिलौने नहीं दिये जा सकते है, सामग्री नहीं दी जा सकती है, क्या सरकार उसके लिये सक्षम नहीं है?
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क्या प्रदेश का खजाना सिर्फ इवेंट-आयोजन-अभियान व खुद के प्रचार-प्रसार पर लुटाने के लिए है, करोड़ों के चुनावी आयोजनों के लिये है? प्रदेश के भांजे- भांजियों का इस पर कोई हक नहीं है? आपको प्रदेश की कुपोषण की वर्तमान स्थिति, शिशु मृत्यु दर, लापता बच्चों के आंकड़े, आंगनवाड़ी की वर्तमान वास्तविक स्थिति की जानकारी भी उन सभी लोगों को बताना चाहिये, जिनके समर्थन का वो दावा कर रहे हैं।
 
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