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Seoni News: कलेक्टर के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग सख्त, नियम तोड़ने वाले 8 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, सिवनी
Published by: सिवनी ब्यूरो
Updated Fri, 14 Nov 2025 03:39 PM IST
सार
कारण बताओ नोटिस के बाद भी संतोषजनक जवाब न मिलने पर यह कार्रवाई की गई। निलंबन अवधि में ये मेडिकल स्टोर दवाइयां नहीं बेच सकेंगे और लाइसेंस बहाल करने से पहले सभी नियमों का पालन अनिवार्य होगा।
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जांच करने पहुंची टीम।
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
सिवनी जिले में स्वास्थ्य विभाग ने दवा दुकानों पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 8 मेडिकल स्टोर्स के लाइसेंस निलंबित कर दिए हैं। यह कार्रवाई जिला कलेक्टर शीतला पटले के निर्देश पर की गई। विभाग का कहना है कि दवाइयों की बिक्री में गड़बड़ी, रिकॉर्ड में अनियमितता और लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन की शिकायतें लगातार मिल रही थीं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने देर रात 8:30 बजे मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि औषधि निरीक्षक की टीम पिछले कई दिनों से जिले में सक्रिय होकर औचक निरीक्षण कर रही थी। इस दौरान कई दुकानों में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 तथा नियमावली 1945 के महत्वपूर्ण प्रावधानों का घोर उल्लंघन पाया गया।
ये मिली खामी
निरीक्षण के दौरान जिन प्रमुख उल्लंघनों का पता चला, उनमें बिना पंजीकरण के दवाइयां रखना। बिना डॉक्टर की पर्ची के प्रिस्क्रिप्शन दवाइयों की बिक्री। एक्सपायरी के नजदीक और अनुचित तापमान में दवाओं का भंडारण। बिक्री और स्टॉक का रिकॉर्ड अधूरा या गलत। स्टोर परिसर में मानक स्वच्छता और सुरक्षा का अभाव। लाइसेंस शर्तों और डिस्प्ले नियमों का पालन न होना। इन गंभीर कमियों को देखते हुए सभी 8 मेडिकल स्टोर्स को पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। लेकिन निर्धारित समय में जवाब संतोषजनक नहीं होने पर औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी ने उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए। निलंबित मेडिकल स्टोर्स और उनकी अवधि की लिस्ट दी गई है। इस अवधि के दौरान ये मेडिकल स्टोर दवाइयों की बिक्री नहीं कर सकेंगे। निलंबन हटाने के लिए उन्हें नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करना होगा।
ये हैं नाम
ये भी पढ़ें- रतलाम में हादसा, ब्रिज की रेलिंग तोड़ दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से नीचे गिरी कार, पांच की मौत
स्वास्थ्य विभाग क्यों हुआ सख्त?
औषधि निरीक्षक ने बताया कि जिले में कई बार दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सामने आ चुकी थीं। प्रशासन का मानना है कि दवाइयां जनजीवन से सीधे जुड़ा संवेदनशील क्षेत्र है और किसी भी प्रकार की लापरवाही लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
निरीक्षक ने कहा, “यह कार्रवाई किसी दुकान को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आम नागरिकों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ मिलें। नियम पालन कराने के लिए भविष्य में भी औचक जांच जारी रहेगी।”
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मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जयपाल सिंह ठाकुर ने देर रात 8:30 बजे मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि औषधि निरीक्षक की टीम पिछले कई दिनों से जिले में सक्रिय होकर औचक निरीक्षण कर रही थी। इस दौरान कई दुकानों में औषधि और प्रसाधन सामग्री अधिनियम 1940 तथा नियमावली 1945 के महत्वपूर्ण प्रावधानों का घोर उल्लंघन पाया गया।
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ये मिली खामी
निरीक्षण के दौरान जिन प्रमुख उल्लंघनों का पता चला, उनमें बिना पंजीकरण के दवाइयां रखना। बिना डॉक्टर की पर्ची के प्रिस्क्रिप्शन दवाइयों की बिक्री। एक्सपायरी के नजदीक और अनुचित तापमान में दवाओं का भंडारण। बिक्री और स्टॉक का रिकॉर्ड अधूरा या गलत। स्टोर परिसर में मानक स्वच्छता और सुरक्षा का अभाव। लाइसेंस शर्तों और डिस्प्ले नियमों का पालन न होना। इन गंभीर कमियों को देखते हुए सभी 8 मेडिकल स्टोर्स को पहले कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। लेकिन निर्धारित समय में जवाब संतोषजनक नहीं होने पर औषधि अनुज्ञापन प्राधिकारी ने उनके लाइसेंस निलंबित कर दिए। निलंबित मेडिकल स्टोर्स और उनकी अवधि की लिस्ट दी गई है। इस अवधि के दौरान ये मेडिकल स्टोर दवाइयों की बिक्री नहीं कर सकेंगे। निलंबन हटाने के लिए उन्हें नियमों का पूर्ण पालन सुनिश्चित करना होगा।
ये हैं नाम
- राजेंद्र मेडिकल स्टोर, बुधवारी बाजार सिवनी – 10 दिन
- कौशल मेडिकल स्टोर, बुधवारी बाजार सिवनी – 10 दिन
- अग्रवाल जी मेडि फार्मा, धूमा – एक माह
- सजल मेडिकोज, धनौरा – 7 दिन
- फार्मा हाउस, भैरोगंज – 3 दिन
- पाटीदार मेडिकल, धनककड़ी – 5 दिन
- साहू मेडिकल, धनककड़ी – 7 दिन
- अशोक मेडिकल, मलारा – 10 दिन
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स्वास्थ्य विभाग क्यों हुआ सख्त?
औषधि निरीक्षक ने बताया कि जिले में कई बार दवाइयों की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें सामने आ चुकी थीं। प्रशासन का मानना है कि दवाइयां जनजीवन से सीधे जुड़ा संवेदनशील क्षेत्र है और किसी भी प्रकार की लापरवाही लोगों की सेहत पर गंभीर प्रभाव डाल सकती है।
निरीक्षक ने कहा, “यह कार्रवाई किसी दुकान को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं है बल्कि यह सुनिश्चित करने के लिए है कि आम नागरिकों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण दवाइयाँ मिलें। नियम पालन कराने के लिए भविष्य में भी औचक जांच जारी रहेगी।”