उत्तराखंड की राजनीति में करीब 30 साल बाद हरबंस कपूर के बिना कोई विधानसभा चुनाव हो रहा है। हरबंस कपूर 1989 से लगातार जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। उनके निधन के बाद हो रहे पहले चुनाव में भाजपा सहानुभूति की लहर पर सवार होकर फिर नतीजों को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। जबकि कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना और आप के रविंद्र आनंद और अन्य प्रत्याशी सत्ता विरोधी लहर के सहारे हैं। हालांकि यहां का मतदाता के मन में क्या है इस बारे में किसी भी प्रत्याशी को नहीं पता है।
कैंट विधानसभा
कुल वोटर-134911
पुरुष-70806
महिला-64101
थर्ड जेंडर - 2
ये भी पढ़ें...Uttarakhand Assembly Election 2022: कांग्रेस का चौथा श्वेत पत्र, महिला अत्याचारों में बढ़ोत्तरी का लगाया आरोप
कैंट क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
-दो दर्जन से अधिक सामुदायिक केंद्रों, पार्कों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण
-करीब दो दर्जन स्कूलों का निर्माण व मरम्मत कार्य
-सभी वार्डों में बूथ स्तर तक श्रमिकों के हितों का संरक्षण
-सभी वार्डों में सड़कों का निर्माण व मरम्मत
-पेयजल व जल संरक्षण को बढ़ावा, जलभराव से मुक्ति के प्रयास
-विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइनों को कराया शिफ्ट
-साढ़े चार करोड़ की लागत से प्रेमनगर दशहरा मैदान में स्टेडियम निर्माण
राजधानी की कैंट विधानसभा का गठन 2008 में हुए परिसीमन के बाद हुआ था। राज्य गठन से पहले यह विधानसभा देहराखास के नाम से जानी जाती थी। इसमें प्रेमनगर, पंडितवाड़ी, गांधी ग्राम, कांवली ग्राम, श्रीदेव सुमन नगर, जीएमएस रोड, कौलागढ़, पश्चिमी पटेलनगर, बिंदाल नदी के किनारे बसी मलिन बस्तियां इस विधानसभा क्षेत्र में शामिल हैं।
कोरोना काल में कैंट क्षेत्र से प्रधानमंत्री राहत कोष व मुख्यमंत्री राहत कोष में 85 लाख से अधिक के चेक जमा कराए गए। लाखों लोगों को मोदी किचन के माध्यम से एक लाख से ज्यादा भोजन पैकेट दिए। इसके अलावा कपूर साहब ने पिछले कई वर्षों से विधायक रहने के दौरान क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास कार्य करवाए हैं। यही कारण है कि लोग उनसे बहुत अधिक प्रेम करते रहे हैं। उन्होंने कैंट विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए जो विजन तैयार किया, उसको प्राथमिकता से आगे बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
-सविता कपूर, भाजपा प्रत्याशी
कपूर साहब लंबे समय तक कैंट क्षेत्र के विधायक रहे लेकिन उन्होंने कभी विकास कार्यों पर फोकस नहीं किया। उनके कार्यकाल के दौरान क्षेत्र में कोई ऐसा विकास कार्य नहीं हुआ, जिसे भाजपा या भाजपा प्रत्याशी अपनी उपलब्धि के तौर पर प्रचारित कर सकें। यही कारण है कि विधानसभा क्षेत्र की जनता परेशान है। शहर के भीतर की विधानसभा में कोई बड़ी परियोजना भी नहीं बनी, जिस पर यह कहा जा सके कि इससे पूरे क्षेत्र के लोगों को लाभ मिलेगा। जिस क्षेत्र में हम जा रहे हैं, लोग बार-बार यही बात कह रहे हैं।
-सूर्यकांत धस्माना, कांग्रेस प्रत्याशी
कैंट क्षेत्र की जनता ने इस बार बदलाव का मन बनाया है। आम आदमी पार्टी लोगों को मजबूत राजनीतिक विकल्प उपलब्ध कराने जा रही है। प्रदेश की जनता भी अच्छी तरह इस बात को समझती है। इतने लंबे समय तक क्षेत्र में भाजपा विधायक रहने के बावजूद विकास कार्य नहीं हुए हैं। अब लोग विकास के लिए आप की ओर देख रहे हैं।
-रविंद्र सिंह आनंद, आप प्रत्याशी
विस्तार
उत्तराखंड की राजनीति में करीब 30 साल बाद हरबंस कपूर के बिना कोई विधानसभा चुनाव हो रहा है। हरबंस कपूर 1989 से लगातार जीतकर विधानसभा पहुंचते रहे हैं। उनके निधन के बाद हो रहे पहले चुनाव में भाजपा सहानुभूति की लहर पर सवार होकर फिर नतीजों को अपने पक्ष में करने का प्रयास कर रही है। जबकि कांग्रेस के सूर्यकांत धस्माना और आप के रविंद्र आनंद और अन्य प्रत्याशी सत्ता विरोधी लहर के सहारे हैं। हालांकि यहां का मतदाता के मन में क्या है इस बारे में किसी भी प्रत्याशी को नहीं पता है।
कैंट विधानसभा
कुल वोटर-134911
पुरुष-70806
महिला-64101
थर्ड जेंडर - 2
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कैंट क्षेत्र के प्रमुख मुद्दे
-दो दर्जन से अधिक सामुदायिक केंद्रों, पार्कों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण
-करीब दो दर्जन स्कूलों का निर्माण व मरम्मत कार्य
-सभी वार्डों में बूथ स्तर तक श्रमिकों के हितों का संरक्षण
-सभी वार्डों में सड़कों का निर्माण व मरम्मत
-पेयजल व जल संरक्षण को बढ़ावा, जलभराव से मुक्ति के प्रयास
-विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न वार्डों से घरों के ऊपर से गुजर रही हाईटेंशन लाइनों को कराया शिफ्ट
-साढ़े चार करोड़ की लागत से प्रेमनगर दशहरा मैदान में स्टेडियम निर्माण