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GRAP-3: दिल्ली में लागू हुआ ग्रैप-3, क्या नोएडा, गुरुग्राम, गाजियाबाद में भी कुछ गाड़ियां चलाने पर हैं पाबंदी?
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Wed, 12 Nov 2025 05:23 PM IST
सार
बढ़ते प्रदूषण और हवा की खराब होती गुणवत्ता के चलते सरकार ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू कर दिया है। इस फैसले के साथ ही BS-III (बीएस-3) पेट्रोल और BS-IV (बीएस-4) डीजल गाड़ियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
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- फोटो : अमर उजाला
दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण और हवा की खराब होती गुणवत्ता के चलते सरकार ने ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) (ग्रैप) के तीसरे चरण (स्टेज-3) को लागू कर दिया है। इस फैसले के साथ ही BS-III (बीएस-3) पेट्रोल और BS-IV (बीएस-4) डीजल गाड़ियों पर अस्थायी प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह आदेश कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) (सीएक्यूएम) ने जारी किया है और यह तब तक लागू रहेगा जब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) (एक्यूआई) 400 से नीचे नहीं आता।
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पूरे एनसीआर में पाबंदी
गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में प्रतिबंधित वाहनों के उपयोग पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और अपने वाहनों का वैध PUC प्रमाणपत्र जरूर रखें।
हवाओं के दमघोंटू होने के साथ केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (ग्रैप)-3 की पाबंदियां लागू कर दी हैं। इसके साथ एनसीआर में आने वाले प्रदेश के 14 जिलों में ग्रैप-3 की सभी पाबंदियां तत्काल प्रभावी कर दी गई है। सबसे प्रदूषित राजधानी दिल्ली का एक्यूआई 428 और दूसरा नोएडा 425 हैं, जबकि चौथे नंबर पर ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 406 है। दिल्ली सहित चार राज्यों की हवा गंभीर श्रेणी में है।
एनसीआर में हरियाणा के 14 जिले
दिल्ली एनसीआर में हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल जिले शामिल हैं।
यह भी पढ़ें - Yamaha FZ Rave: भारत में लॉन्च हुई नई यामाहा एफजेड रेव मोटरसाइकिल, मिला दमदार लुक और मॉडर्न फीचर्स, जानें कीमत
गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में प्रतिबंधित वाहनों के उपयोग पर भारी जुर्माना लगाया जाएगा। सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे सार्वजनिक परिवहन का उपयोग करें और अपने वाहनों का वैध PUC प्रमाणपत्र जरूर रखें।
हवाओं के दमघोंटू होने के साथ केंद्रीय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रेडेड रिस्पांस सिस्टम (ग्रैप)-3 की पाबंदियां लागू कर दी हैं। इसके साथ एनसीआर में आने वाले प्रदेश के 14 जिलों में ग्रैप-3 की सभी पाबंदियां तत्काल प्रभावी कर दी गई है। सबसे प्रदूषित राजधानी दिल्ली का एक्यूआई 428 और दूसरा नोएडा 425 हैं, जबकि चौथे नंबर पर ग्रेटर नोएडा का एक्यूआई 406 है। दिल्ली सहित चार राज्यों की हवा गंभीर श्रेणी में है।
एनसीआर में हरियाणा के 14 जिले
दिल्ली एनसीआर में हरियाणा के फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल जिले शामिल हैं।
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- फोटो : PTI
किन वाहनों पर रोक
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- GRAP-3 के तहत अब BS-III पेट्रोल और BS-IV डीजल लाइट मोटर व्हीकल्स (LMVs) को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
- इसके अलावा, डीजल से चलने वाली इंटर-स्टेट बसें, ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट (AITP) बसें और टेंपो ट्रैवलर्स पर भी रोक लगाई गई है।
- हालांकि, इलेक्ट्रिक, CNG और BS-VI डीजल बसों को चलने की अनुमति दी गई है।
- जो वाहन शारीरिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विशेष रूप से संशोधित किए गए हैं, उन्हें इन प्रतिबंधों से छूट दी गई है।
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जरूरी सामान ढोने वाले वाहनों को मिली छूट
दिल्ली में पंजीकृत BS-IV डीजल मीडियम और लाइट कमर्शियल गाड़ियों (MGV और LCV) को केवल तभी चलने की अनुमति है जब वे जरूरी सामान या सेवाएं पहुंचा रही हों। इसी तरह, दिल्ली के बाहर पंजीकृत ऐसे वाहन भी केवल आवश्यक डिलीवरी के लिए ही शहर में प्रवेश कर सकेंगे।
गैर-जरूरी सामान ढोने वाले वाहनों को सीमा पर ही रोक दिया जाएगा, और PUC सर्टिफिकेट (प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र) की जांच सख्ती से की जाएगी।
निर्माण कार्य और सामग्री परिवहन पर भी रोक
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दिल्ली में पंजीकृत BS-IV डीजल मीडियम और लाइट कमर्शियल गाड़ियों (MGV और LCV) को केवल तभी चलने की अनुमति है जब वे जरूरी सामान या सेवाएं पहुंचा रही हों। इसी तरह, दिल्ली के बाहर पंजीकृत ऐसे वाहन भी केवल आवश्यक डिलीवरी के लिए ही शहर में प्रवेश कर सकेंगे।
गैर-जरूरी सामान ढोने वाले वाहनों को सीमा पर ही रोक दिया जाएगा, और PUC सर्टिफिकेट (प्रदूषण जांच प्रमाणपत्र) की जांच सख्ती से की जाएगी।
निर्माण कार्य और सामग्री परिवहन पर भी रोक
- वाहनों के अलावा, ग्रेप-3 के तहत निर्माण और विध्वंस जैसे कार्यों पर भी रोक लगा दी गई है।
- साथ ही, धूल उड़ाने वाली सामग्रियों जैसे सीमेंट, रेत और फ्लाई ऐश के परिवहन को भी सीमित कर दिया गया है।
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Delhi Pollution
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क्या है GRAP-3?
ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए बनाया गया एक आपातकालीन सिस्टम है। जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 401 से 450 के बीच पहुंचता है, तो ग्रेप-3 लागू किया जाता है।
इस चरण के तहत-
प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश
दिल्ली में सर्दियों के दौरान हवा की गुणवत्ता हर साल बेहद खराब हो जाती है, जिसका मुख्य कारण पराली जलाना, वाहनों का उत्सर्जन और धूल प्रदूषण है। ग्रेप-3 का उद्देश्य प्रदूषण के स्तर को और खराब होने से रोकना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
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ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए बनाया गया एक आपातकालीन सिस्टम है। जब एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 401 से 450 के बीच पहुंचता है, तो ग्रेप-3 लागू किया जाता है।
इस चरण के तहत-
- पुरानी पेट्रोल और डीजल गाड़ियों पर प्रतिबंध लगाया जाता है,
- निर्माण गतिविधियां रोकी जाती हैं,
- और औद्योगिक इकाइयों पर भी कड़े नियंत्रण लागू किए जाते हैं।
प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश
दिल्ली में सर्दियों के दौरान हवा की गुणवत्ता हर साल बेहद खराब हो जाती है, जिसका मुख्य कारण पराली जलाना, वाहनों का उत्सर्जन और धूल प्रदूषण है। ग्रेप-3 का उद्देश्य प्रदूषण के स्तर को और खराब होने से रोकना और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा करना है।
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