{"_id":"692dad4151869d2a5b0c38e1","slug":"germany-pushes-to-reverse-2035-ice-car-ban-chancellor-calls-for-hybrid-and-petrol-cars-to-stay-2025-12-01","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"Ban ICE Ban: जर्मनी में पेट्रोल-डीजल कार बैन पर यू-टर्न की कोशिश, चांसलर की मांग क्यों बनी बड़ी बहस?","category":{"title":"Automobiles","title_hn":"ऑटो-वर्ल्ड","slug":"automobiles"}}
Ban ICE Ban: जर्मनी में पेट्रोल-डीजल कार बैन पर यू-टर्न की कोशिश, चांसलर की मांग क्यों बनी बड़ी बहस?
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Mon, 01 Dec 2025 08:29 PM IST
सार
यूरोप के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार जर्मनी ने यूरोपीय संघ की 2035 इंटरनल कम्बशन इंजन (ICE) कार बैन नीति पर खुलकर आपत्ति जताई है। जर्मनी के इस कदम ने दुनिया भर में ईवी ट्रांजिशन और ऑटो उद्योग के भविष्य को लेकर नई बहस छेड़ दी है।
विज्ञापन
Volkswagen Touareg
- फोटो : Volkswagen
यूरोप के सबसे बड़े ऑटोमोबाइल बाजार जर्मनी ने यूरोपीय संघ की 2035 इंटरनल कम्बशन इंजन (ICE) कार बैन नीति पर खुलकर आपत्ति जताई है। जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज ने यूरोपियन यूनियन (ईयू) कमिशन की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन को पत्र लिखकर यह प्रतिबंध हटाने और 2035 के बाद भी हाइब्रिड, पेट्रोल और डीज़ल कारों की बिक्री की अनुमति देने की मांग की है। यह कदम यूरोप के उद्योग, रोजगार और ईवी अपनाने की मुहिम पर बड़ा असर डाल सकता है।
Trending Videos
फ्रेडरिक मर्ज, जर्मनी के चांसलर
- फोटो : ANI
जर्मनी की 2035 बैन के खिलाफ अपील
चांसलर मर्ज ने स्पष्ट कहा कि जर्मनी "टेक्नोलॉजी न्यूट्रल" नीति चाहता है, जहां सिर्फ एक तकनीक जैसे ईवी को अनिवार्य न किया जाए। उनका तर्क है कि प्रदूषण कम करने के लिए इंजनों पर पूर्ण प्रतिबंध सही रास्ता नहीं है। बल्कि बेहतर और कुशल तकनीकों को विकल्प के रूप में रहने देना चाहिए।
यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनियां Volkswagen (फॉक्सवैगन), BMW (बीएमडब्ल्यू) और Mercedes-Benz (मर्सिडीज-बेंज) जर्मनी में स्थित हैं। इसलिए बैन हटाने की इस अपील का महत्व और भी बढ़ जाता है।
यह भी पढ़ें - Challan Discount: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की 'छूट प्रणाली' पर उठाए सवाल, कहा- ट्रैफिक चालान पर छूट से कानून का डर कम होता है
चांसलर मर्ज ने स्पष्ट कहा कि जर्मनी "टेक्नोलॉजी न्यूट्रल" नीति चाहता है, जहां सिर्फ एक तकनीक जैसे ईवी को अनिवार्य न किया जाए। उनका तर्क है कि प्रदूषण कम करने के लिए इंजनों पर पूर्ण प्रतिबंध सही रास्ता नहीं है। बल्कि बेहतर और कुशल तकनीकों को विकल्प के रूप में रहने देना चाहिए।
यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनियां Volkswagen (फॉक्सवैगन), BMW (बीएमडब्ल्यू) और Mercedes-Benz (मर्सिडीज-बेंज) जर्मनी में स्थित हैं। इसलिए बैन हटाने की इस अपील का महत्व और भी बढ़ जाता है।
यह भी पढ़ें - Challan Discount: हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की 'छूट प्रणाली' पर उठाए सवाल, कहा- ट्रैफिक चालान पर छूट से कानून का डर कम होता है
विज्ञापन
विज्ञापन
BMW 3 Series
- फोटो : BMW
ईयू का 2035 नियम क्या कहता है
ईयू के मौजूदा नियम के तहत 2035 से यूरोपीय बाजार में कोई भी नई ICE कार यानी पेट्रोल या डीजल नहीं बेची जा सकेगी। सिर्फ "जीरो टेलपाइप CO₂" वाली गाड़ियां ही बिकेंगी, यानी ईवी या हाइड्रोजन फ्यूल सेल कारें।
यह कानून 2023 में पास हुआ था, लेकिन इसमें समीक्षा का प्रावधान भी जोड़ा गया था। अब जर्मनी उसी समीक्षा प्रक्रिया को सक्रिय कर रहा है।
यह भी पढ़ें - Mercedes-Benz G-Wagen: पीने के पानी से कार धोने पर मर्सिडीज जी-वैगन मालिक पर ₹10,000 का जुर्माना, जानें डिटेल्स
ईयू के मौजूदा नियम के तहत 2035 से यूरोपीय बाजार में कोई भी नई ICE कार यानी पेट्रोल या डीजल नहीं बेची जा सकेगी। सिर्फ "जीरो टेलपाइप CO₂" वाली गाड़ियां ही बिकेंगी, यानी ईवी या हाइड्रोजन फ्यूल सेल कारें।
यह कानून 2023 में पास हुआ था, लेकिन इसमें समीक्षा का प्रावधान भी जोड़ा गया था। अब जर्मनी उसी समीक्षा प्रक्रिया को सक्रिय कर रहा है।
यह भी पढ़ें - Mercedes-Benz G-Wagen: पीने के पानी से कार धोने पर मर्सिडीज जी-वैगन मालिक पर ₹10,000 का जुर्माना, जानें डिटेल्स
Volkswagen ID.4 Electric Car
- फोटो : Volkswagen
जर्मनी में ईवी चुनौतियां: लागत, नौकरियां और चीन से मुकाबला
जर्मनी के ऑटो उद्योग पर ईवी बदलाव का भारी दबाव है। ईवी उत्पादन की लागत अभी भी अधिक है, यूरोपीय बाजार में ईवी की मांग उम्मीद से कम है, और चीनी कार कंपनियां कम कीमत में ईवी बेचकर यूरोपीय ब्रांडों पर दबाव बढ़ा रही हैं।
इन परिस्थितियों में जर्मनी की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ईवी और हाइब्रिड खरीदने पर नई सब्सिडी देने की घोषणा कर चुकी है। जिन परिवारों की वार्षिक टैक्स योग्य आय 80,000 यूरो तक है, उन्हें 5,000 यूरो (लगभग 4.5 लाख रुपये) की सहायता मिल सकती है।
यह भी पढ़ें - Road Accident: कार हादसे में लोकप्रिय इंफ्लुएंसर 'बाइकर गर्ल' करेन सोफिया रामिरेज की मौत, सड़क पर इस गलती से गई जान!
जर्मनी के ऑटो उद्योग पर ईवी बदलाव का भारी दबाव है। ईवी उत्पादन की लागत अभी भी अधिक है, यूरोपीय बाजार में ईवी की मांग उम्मीद से कम है, और चीनी कार कंपनियां कम कीमत में ईवी बेचकर यूरोपीय ब्रांडों पर दबाव बढ़ा रही हैं।
इन परिस्थितियों में जर्मनी की सत्तारूढ़ गठबंधन सरकार ईवी और हाइब्रिड खरीदने पर नई सब्सिडी देने की घोषणा कर चुकी है। जिन परिवारों की वार्षिक टैक्स योग्य आय 80,000 यूरो तक है, उन्हें 5,000 यूरो (लगभग 4.5 लाख रुपये) की सहायता मिल सकती है।
यह भी पढ़ें - Road Accident: कार हादसे में लोकप्रिय इंफ्लुएंसर 'बाइकर गर्ल' करेन सोफिया रामिरेज की मौत, सड़क पर इस गलती से गई जान!
विज्ञापन
2025 Mercedes-Benz GLS 4MATIC AMG Line
- फोटो : Mercedes-Benz
ईयू अब क्या करेगा
यूरोपीय आयोग ने संकेत दिया है कि वह जर्मनी के प्रस्ताव पर बातचीत के लिए तैयार है। 10 दिसंबर को "ऑटोमोटिव सेक्टर इंडस्ट्रियल एक्शन प्लान" के तहत इस मुद्दे पर आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।
फिलहाल कानून जस का तस है। यानी 2035 की ICE कार बिक्री पर रोक अभी भी लागू रहेगी। लेकिन जर्मनी की इस पहल से पूरी ईयू नीति में बदलाव की संभावना बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें - Car Headlights: चमकदार हेडलाइट्स से बढ़ती परेशानी, क्यों रात में गाड़ी चलाना हो रहा है मुश्किल भरा
यूरोपीय आयोग ने संकेत दिया है कि वह जर्मनी के प्रस्ताव पर बातचीत के लिए तैयार है। 10 दिसंबर को "ऑटोमोटिव सेक्टर इंडस्ट्रियल एक्शन प्लान" के तहत इस मुद्दे पर आधिकारिक घोषणा होने की संभावना है।
फिलहाल कानून जस का तस है। यानी 2035 की ICE कार बिक्री पर रोक अभी भी लागू रहेगी। लेकिन जर्मनी की इस पहल से पूरी ईयू नीति में बदलाव की संभावना बढ़ गई है।
यह भी पढ़ें - Car Headlights: चमकदार हेडलाइट्स से बढ़ती परेशानी, क्यों रात में गाड़ी चलाना हो रहा है मुश्किल भरा