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CNG Fuel: क्या सीएनजी वाकई एक 'स्वच्छ ईंधन' है? जानिए क्या है इस दावे की असलियत
ऑटो डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Published by: अमर शर्मा
Updated Sat, 08 Nov 2025 09:55 PM IST
सार
क्या सीएनजी सच में पूरी तरह साफ ईंधन है। क्या सीएनजी से प्रदूषण नहीं होता? जानें इस दावे की हकीकत।
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- फोटो : Adobe Stock
आज जब पेट्रोल और डीजल की कीमतें 100 रुपये प्रति लीटर के आसपास पहुंच चुकी हैं, सीएनजी (कंप्रेस्ड नेचुरल गैस) भारतीय कार बाजार में तेजी से लोकप्रिय हो रही है। लगभग हर कार कंपनी अब अपने पेट्रोल-सीएनजी वेरिएंट्स पेश कर रही है। ताकि ग्राहक ज्यादा किफायती और ईको-फ्रेंडली विकल्प चुन सकें।
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क्या सीएनजी सच में पूरी तरह साफ ईंधन है
जानकारों की मानें तो इसका सीधा जवाब है- नहीं, सीएनजी पूरी तरह क्लीन फ्यूल (स्वच्छ ईंधन) नहीं है। सीएनजी का पूरा नाम Compressed Natural Gas (CNG) है, यानी यह नेचुरल गैस से तैयार किया जाता है। जो कि खुद एक फॉसिल फ्यूल (प्राकृतिक जीवाश्म ईंधन) है।
हालांकि, यह पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी साफ ईंधन माना जाता है, क्योंकि इसके जलने पर प्रदूषण बहुत कम होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह 100 प्रतिशत प्रदूषण-मुक्त है।
यह भी पढ़ें - Hero Xtreme 125R: हीरो एक्सट्रीम 125R डुअल-चैनल एबीएस भारत में लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
जानकारों की मानें तो इसका सीधा जवाब है- नहीं, सीएनजी पूरी तरह क्लीन फ्यूल (स्वच्छ ईंधन) नहीं है। सीएनजी का पूरा नाम Compressed Natural Gas (CNG) है, यानी यह नेचुरल गैस से तैयार किया जाता है। जो कि खुद एक फॉसिल फ्यूल (प्राकृतिक जीवाश्म ईंधन) है।
हालांकि, यह पेट्रोल और डीजल की तुलना में काफी साफ ईंधन माना जाता है, क्योंकि इसके जलने पर प्रदूषण बहुत कम होता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि यह 100 प्रतिशत प्रदूषण-मुक्त है।
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CNG Gas
- फोटो : Freepik
क्यों नहीं कहा जा सकता सीएनजी को 'क्लीन फ्यूल'
सीएनजी के साथ सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा मीथेन का रिसाव है। सीएनजी का उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन करते समय अक्सर थोड़ी मात्रा में मीथेन गैस लीक हो जाती है।
मीथेन एक खतरनाक ग्रीनहाउस गैस है, जिसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता कार्बन डाइऑक्साइड से कई गुना ज्यादा होती है। इसका मतलब यह है कि अगर थोड़ी सी भी मीथेन लीक होती है, तो वह वातावरण को गर्म करने में बड़ा योगदान देती है। इसी वजह से विशेषज्ञ मानते हैं कि सीएनजी को पूरी तरह क्लीन फ्यूल कहना गलत होगा।
यह भी पढ़ें - Delhi Traffic: दिल्ली की ट्रैफिक जाम की पहेली सुलझाने की तैयारी, जल्द शुरू होगा नया सर्वे, जानें डिटेल्स
सीएनजी के साथ सबसे बड़ा पर्यावरणीय खतरा मीथेन का रिसाव है। सीएनजी का उत्पादन और ट्रांसपोर्टेशन करते समय अक्सर थोड़ी मात्रा में मीथेन गैस लीक हो जाती है।
मीथेन एक खतरनाक ग्रीनहाउस गैस है, जिसकी ग्लोबल वार्मिंग क्षमता कार्बन डाइऑक्साइड से कई गुना ज्यादा होती है। इसका मतलब यह है कि अगर थोड़ी सी भी मीथेन लीक होती है, तो वह वातावरण को गर्म करने में बड़ा योगदान देती है। इसी वजह से विशेषज्ञ मानते हैं कि सीएनजी को पूरी तरह क्लीन फ्यूल कहना गलत होगा।
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सीएनजी
- फोटो : एएनआई
फिर भी सीएनजी के फायदे क्या हैं
सीएनजी के कई फायदे हैं, जिनसे यह पेट्रोल या डीजल की तुलना में बेहतर विकल्प बनता है। सीएनजी जलने पर कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन कम होता है, जिससे कार्बन फुटप्रिंट घटता है। इसके अलावा, यह नाइट्रोजन ऑक्साइड्स और पार्टिकुलेट मैटर बहुत कम छोड़ता है। जो स्मॉग और वायु प्रदूषण के बड़े कारण हैं।
सीएनजी जलने पर मुख्य रूप से वॉटर वेपर (जलवाष्प) और बहुत कम मात्रा में सल्फर ऑक्साइड या कालिख बनती है। यानी, सीएनजी भले पूरी तरह स्वच्छ न हो, लेकिन यह पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी ज्यादा पर्यावरण-अनुकूल और सस्ता विकल्प जरूर है।
यह भी पढ़ें - Road Safety: गुरुग्राम में ट्रैफिक का नया डिजिटल समाधान, गूगल मैप्स और पुलिस ने लॉन्च किया हाई-टेक नेविगेशन अलर्ट सिस्टम
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सीएनजी जलने पर मुख्य रूप से वॉटर वेपर (जलवाष्प) और बहुत कम मात्रा में सल्फर ऑक्साइड या कालिख बनती है। यानी, सीएनजी भले पूरी तरह स्वच्छ न हो, लेकिन यह पेट्रोल और डीजल के मुकाबले काफी ज्यादा पर्यावरण-अनुकूल और सस्ता विकल्प जरूर है।
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आंशिक रूप से क्लीन, लेकिन अभी भी अधूरा समाधान
सीएनजी को "ग्रीन फ्यूल" कहा जा सकता है, लेकिन यह पूरी तरह प्रदूषण-मुक्त नहीं है। अगर सरकार और उद्योग मीथेन लीक को रोकने के बेहतर उपाय अपनाएं, तो यह भारत के लिए साफ और किफायती ऊर्जा का वास्तविक विकल्प बन सकता है।
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