करनाल में कांग्रेसियों की रैली में जमकर लात-घूंसे चले। दिग्गज नेताओं की मौजूदगी में मंच पर गुटबाजी साफ दिखी और आपस में नारेबाजी हुई।
गुटबाजी की शिकार प्रदेश कांग्रेस दो दिन पहले तक हजकां का विलय करवा एकजुटता के दम भरते हुए इनेलो व भाजपा को चुनौती दे रही थी, लेकिन रविवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर की 125वीं जयंती के समापन समारोह पर आयोजित रैली कार्यकर्ताओं के हंगामे की वजह से अखाड़ा बन गई। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक तंवर के धुर विरोधी पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी मौजूदगी दिखाकर एकजुटता दिखाने की कोशिश की, लेकिन जब वे मंच पर बोलने आए तो तंवर समर्थकों ने हूटिंग शुरू कर दी और उन्हें बोलने नहीं दिया गया।
ऐसे में उन्हें कार्यक्रम बीच में ही छोड़कर निकलना पड़ा। लाल पगड़ी पहने तंवर समर्थकों और गुलाबी पगड़ी वाले हुड्डा समर्थकों ने एक दूसरे के खिलाफ नारेबाजी की। तंवर को सीएम बनाने के भी नारे लगे। इतना ही नहीं मंच पर सीट पाने के लिए धक्का-मुक्की शुरू हो गई और लात-घूंसे चलने लगे। इससे अफरातफरी का माहौल हो गया।
पुरानी सब्जी मंडी में आयोजित समारोह में हुड्डा और तंवर के अलावा कांग्रेस प्रदेश प्रभारी शकील अहमद, विधायक दल की नेता किरण चौधरी, राज्यसभा सदस्य कुमारी सैलजा, आशा रानी, एससी सैल के राष्ट्रीय अध्यक्ष के. राजू सहित कई विधायक मौजूद रहे। समारोह सुबह 11 बजे शुरू हुआ। सम्मेलन में हुड्डा गुट के समर्थक गुलाबी और तंवर के समर्थक लाल पगड़ी पहनकर आए। जैसे ही हुड्डा भाषण देने के लिए उठे तंवर जिंदाबाद के नारे लगने शुरू हो गए।
हुड्डा छह मिनट तक भाषण देने के लिए खड़े रहे, फिर भी कार्यकर्ता चुप नहीं हुए। यह देख हुड्डा समर्थक तंवर के खिलाफ नारे लगाने लगे। इसके चलते पूरा समारोह धक्का मुक्की और हंगामे की भेंट चढ़ गया। तंवर ने तो मंच पर रोक रहे युवा कार्यकर्ताओं को नीचे गिरा दिया और कई लोग साउंड स्पीकर पर भी जा गिरे। इससे तंवर और हुड्डा के कार्यकर्ताओं में तनाव की स्थिति बन गई। विधायक दल की नेता किरण चौधरी को गुजबाजी बहुत अखरी। उन्होंने गुस्से में आकर आयोजक पंकज पूनिया को हूटिंग कर रहे कार्यकर्ताओं की मूवी बनाने को कहा और चेतावनी दी कि अनुशासनहीनता करने वालों को पार्टी से निकलवाया जाएगा।