हिसार के खरक पूनिया और बालसमंद में भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार कह रही है कि किसान को फसल की कटाई करनी है। दो महीने में अपने आप बॉर्डर से उठ जाएंगे। अगर सरकार ने ज्यादा परेशान किया तो किसान अपनी खड़ी फसल में आग लगा देगा और एक फसल की कुर्बानी देकर आंदोलन को जिंदा रखेगा।
राकेश टिकैत के इस बयान का अब असर हो रहा है। हरियाणा के जींद जिले में एक किसान ने अपनी फसल को जोत दिया है। मामला जींद के गुलकनी गांव है। यहां के किसान राममेहर ने अपनी दो एकड़ गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चला दिया।
रविवार दोपहर राममेहर ट्रैक्टर-हैरो लेकर अपने खेत में पहुंचे और करीब दो एकड़ खड़ी गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर इसे नष्ट कर दिया। इस दौरान राममेहर व अन्य किसानों ने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है। इस पर किसान नेता राकेश टिकैत ने बयान दिया था कि यदि जरूरत पड़ी तो किसान अपनी फसलों को जला देगा।
इसको देखते हुए ही गुलकनी गांव में किसान ने अपनी गेहूं की खड़ी फसल को नष्ट कर दिया है। किसान राममेहर के अनुसार यदि फसल तैयार होने के बाद जलाने की नौबत आती तो यह सही नहीं होता। फसल जलाने से प्रदूषण होता और सरकार जुर्माना भी लगाती और केस भी होता।
उन्होंने कहा कि अभी फसल पर और भी खर्च होना था। ऐसे में पहले ही फसल को जोतकर उसे नष्ट कर दिया गया है। राममेहर के पास 10 एकड़ जमीन है और उन्होंने दो एकड़ फसल को नष्ट कर दिया है। हालांकि राकेश टिकैत ने किसानों से ऐसा न करने की अपील की है।