लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस के पांच दिग्गज नेता ऐसे रहे, जो अपनी सीट नहीं बचा पाए। इनमें से एक तो मामूली से अंतर से हार गए, जबकि दावे प्रदेश में सरकार बनाने के थे।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा- हरियाणा के पूर्व सीएम और कांग्रेस के दिग्गज नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी सोनीपत से अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं। भाजपा प्रत्याशी रमेश कौशिक ने भूपेंद्र हुड्डा को एक लाख 64 हजार 864 वोट से हराया। रमेश कौशिक की जीत का अंतर भी इस बार पिछले चुनाव के मुकाबले दोगुना से ज्यादा हो गया। भूपेंद्र हुड्डा को जहां 4 लाख 22 हजार 800 वोट मिले, वहीं सांसद रमेश कौशिक को 5 लाख 87 हजार 664 वोट मिले।
दीपेंद्र हुड्डा: तीन बार रोहतक से सांसद रहने वाले दीपेंद्र हुड्डा इस बार बीजेपी के अरविंद शर्मा से मामूली अंतर से चुनाव हार गए। हरियाणा की सबसे हॉट सीट रोहतक में कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह हुड्डा और भाजपा के अरविंद शर्मा के बीच कांटे का मुकाबला रहा। अंत तक यह सीट फंसी रही। रात करीब 4 बजे अरविंद शर्मा को सात हजार 503 मतों से विजयी घोषित किया गया। अरविंद शर्मा को 5 लाख 73 हजार 845 मत मिले। दीपेंद्र सिंह हुड्डा को 5 लाख 66 हजार 342 मत प्राप्त हुए।
सुनील जाखड़: गुरदासपुर में भाजपा के उम्मीदवार सनी देओल का ढाई किलो का हाथ कांग्रेस उम्मीदवार और पंजाब कांग्रेस कमेटी के प्रधान सुनील जाखड़ पर भारी पड़ा। उन्होंने कुल 77 हजार 107 मतों से जीत दर्ज की। सनी देओल को कुल 5 लाख 50 हजार 766 वोट पड़े, जबकि सुनील जाखड़ ने कुल 4 लाख 73 हजार 659 मत प्राप्त किए। कांग्रेसी मंत्री अरुणा चौधरी, विधायक जोगिंदर पाल तथा अनिल विज के हलकों में सुनील जाखड़ की बुरी तरह से हार हुई है।
अशोक तंवर: भाजपा उम्मीदवार सुनीता दुग्गल ने सिरसा संसदीय सीट पर जीत दर्ज की। ऐसे में पहली बार सिरसा संसदीय सीट पर भाजपा का कमल खिला। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर को तीन लाख 9 हजार 918 वोट के अंतर से पराजित किया है। दुग्गल को सात लाख 14 हजार 351 वोट हासिल हुए। जबकि डॉ. अशोक तंवर ने चार लाख 4 हजार 433 वोट हासिल किए।