राजधानी देहरादून का सीजेएम कोर्ट कंपाउंड। बुधवार दोपहर तीन बजे एसीजेएम कोर्ट में लंच के बाद एक मुकदमे में जिरह चल रही थी। पक्ष-विपक्ष के कई लोग और वकील कोर्ट रूम में मौजूद थे। इसी बीच एक हांफता हुआ लड़का आया और कहा ...जज साहब, मैंने प्रेमनगर में एक लड़की की हत्या कर दी है। मैं सरेंडर करना चाहता हूं। यह सब सुनकर वहां मौजूद लोग भौचक्के रह गए। कुछ ही देर में वहां सुरक्षा गारद के सिपाही पहुंचे और लड़के को पकड़ लिया।
हत्या का समय लगभग दो बजे का बताया जा रहा है। इसके बाद आरोपी करीब सवा चार बजे तक कोर्ट पहुंच था। रोज की तरह कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी। एडवोकेट चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि वह अपने एक मुकदमे में जिरह कर रहे थे। कोर्ट रूम खचाखच भरा हुआ था। एक लड़का करीब 17-18 वर्ष का कोर्ट रूम के बाहर खड़ा हुआ और लोगों को बताया कि उसे जज साहब से कुछ बात करनी है। कहा कि मेरा कुछ काम है। चूंकि, कोर्ट चल रही थी तो सभी ने उसे नजरअंदाज किया। लड़का पसीने में तर बतर था। टीशर्ट पहनी हुई थी।
एकाएक वह अंदर घुस गया और जज को कहा कि ...मैंने प्रेमनगर में एक लड़की का मर्डर कर दिया है। मैं यहां पर सरेंडर करने आया हूं। यह सुनकर सभी सन्न रह गए। उसने एक लाइन में सारी बात जज को बता दी। जज साहब ने वहां खड़े पुलिसकर्मियों को इशारा किया। पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा और कोर्ट रूम से बाहर ले आए। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अपने अधिकारियों को यह बात बताई होगी। कुछ देर बाद जब देखा तो वहां पर लड़का नहीं था। अधिवक्ता ने बताया कि यदि वह लड़का उनके सामने आएगा तो वह उसे पहचान लेंगे।
हत्या का समय लगभग दो बजे का बताया जा रहा है। इसके बाद आरोपी करीब सवा चार बजे तक कोर्ट पहुंच था। रोज की तरह कोर्ट में न्यायिक प्रक्रिया चल रही थी। एडवोकेट चंद्रशेखर तिवारी ने बताया कि वह अपने एक मुकदमे में जिरह कर रहे थे। कोर्ट रूम खचाखच भरा हुआ था। एक लड़का करीब 17-18 वर्ष का कोर्ट रूम के बाहर खड़ा हुआ और लोगों को बताया कि उसे जज साहब से कुछ बात करनी है। कहा कि मेरा कुछ काम है। चूंकि, कोर्ट चल रही थी तो सभी ने उसे नजरअंदाज किया। लड़का पसीने में तर बतर था। टीशर्ट पहनी हुई थी।
एकाएक वह अंदर घुस गया और जज को कहा कि ...मैंने प्रेमनगर में एक लड़की का मर्डर कर दिया है। मैं यहां पर सरेंडर करने आया हूं। यह सुनकर सभी सन्न रह गए। उसने एक लाइन में सारी बात जज को बता दी। जज साहब ने वहां खड़े पुलिसकर्मियों को इशारा किया। पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा और कोर्ट रूम से बाहर ले आए। इसके बाद पुलिसकर्मियों ने अपने अधिकारियों को यह बात बताई होगी। कुछ देर बाद जब देखा तो वहां पर लड़का नहीं था। अधिवक्ता ने बताया कि यदि वह लड़का उनके सामने आएगा तो वह उसे पहचान लेंगे।