हरिद्वार कुंभ को सकुशल कराने में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रहे श्रीमहंत नरेंद्र गिरि की अहम भूमिका रही। कुंभ का आयोजन कोविड की दूसरी लहर के बीच हुआ था। खुद श्रीमहंत नरेंद्र गिरि 11 अप्रैल को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद ऋषिकेश एम्स में भर्ती रहे। संक्रमण के फैलाव को देखते हुए जनहित में कुंभ को सांकेतिक कराने के फैसले में श्रीमहंत का योगदान रहा।
नरेंद्र गिरि आत्महत्या केस: शिष्य आनंद गिरि को यूपी पुलिस ने हरिद्वार से किया गिरफ्तार, गुरु के सुसाइड नोट में ठहराया गया है मौत का जिम्मेदार
अखाड़ा परिषद के मुखिया होने के नाते उन्होंने मेष संक्रांति (वैशाखी) के शाही स्नान के बाद कुंभ को सांकेतिक कराया था। इस फैसले से बैरागी संतों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी। 27 अप्रैल का आखिरी चैत्र पूर्णिमा का बैरागियों का स्नान सांकेतिक हुआ था।
महंत नरेंद्र गिरि: रामजन्म भूमि आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका, विवादों से जुड़े 17 संतों को अखाड़ा परिषद से किया था बाहर
वहीं, वे कोरोना संक्रमित आने के बाद सोमवती अमावस्या और मेष संक्रांति का शाही स्नान नहीं कर पाए थे। जब महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी उसी दिन वे सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मिले थे।
नरेंद्र गिरि आत्महत्या केस: शिष्य आनंद गिरि को यूपी पुलिस ने हरिद्वार से किया गिरफ्तार, गुरु के सुसाइड नोट में ठहराया गया है मौत का जिम्मेदार
अखाड़ा परिषद के मुखिया होने के नाते उन्होंने मेष संक्रांति (वैशाखी) के शाही स्नान के बाद कुंभ को सांकेतिक कराया था। इस फैसले से बैरागी संतों की नाराजगी भी झेलनी पड़ी थी। 27 अप्रैल का आखिरी चैत्र पूर्णिमा का बैरागियों का स्नान सांकेतिक हुआ था।
महंत नरेंद्र गिरि: रामजन्म भूमि आंदोलन में निभाई थी अहम भूमिका, विवादों से जुड़े 17 संतों को अखाड़ा परिषद से किया था बाहर
वहीं, वे कोरोना संक्रमित आने के बाद सोमवती अमावस्या और मेष संक्रांति का शाही स्नान नहीं कर पाए थे। जब महंत नरेंद्र गिरि की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी उसी दिन वे सपा प्रमुख अखिलेश यादव से भी मिले थे।