कीर्तिनगर तहसील के मलेथा गांव में एक पुराना मकान ढह गया, जिसके मलबे में दबने से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई। आधा घंटे पूर्व ही बुजुर्ग महिला ने प्रधान से अपने जर्जर मकान की मरम्मत कराने की मांग की थी। प्रधान ने मकान की मरम्मत न होने तक महिला को अन्यत्र रहने को कहा था, लेकिन इस बीच यह हादसा हो गया। मलेथा गांव में एक जर्जर मकान के ढहने से 70 वर्षीय रोशनी देवी की दबने से मौत हो गई। वह सालों से इस मकान में अकेली रह रही थी, जबकि उसके बेटे अपने परिवार सहित दूसरे भवन में रहते हैं। प्रधान अंकित कुमार ने बताया कि शनिवार अपराह्न करीब ढाई बजे जब वह गांव में सैनिटाइजेशन व मास्क वितरण का कार्य कर रहे थे, तब रोशनी देवी के घर भी गए थे। रोशनी देवी ने अपने जर्जर भवन को दिखाते हुए मरम्मत का अनुरोध किया था, जिस पर उन्होंने उन्हें दूसरे मकान में रहने को कहा। इस दौरान ग्राम प्रधान ने राजस्व विभाग को दिखाने के लिए प्रमाण के तौर पर रोशनी देवी के मकान की फोटो भी ली थी। फोटो लेकर वह घर ही पहुंचे थे कि उन्हें सूचना मिली की मकान ढह गया है।
ग्रामीणों ने बताया कि महिला घटना के वक्त घर के अंदर ही थी। वह मलबे में दब गई। कोतवाल रविंद्र यादव ने बताया कि मलबे से बाहर निकालने तक महिला दम तोड़ चुकी थी। उन्होंने बताया कि भवन काफी पुराना था। बारिश के बाद धूप आने से भवन ध्वस्त हो गया। वहीं मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने मानसून सीजन के मद्देनजर अधिकारियों को आपदा से निपटने के लिए सभी तैयारी करने के निर्देश दिए। सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उन्होंने कहा कि यह समय चुनौती का है, बादल फटने की घटनाएं भी हो रही हैं। आपदा के दृष्टिगत सभी आवश्यक उपकरण तैयार रखे जाएं। जिलों के साथ ही तहसील एवं ब्लॉक लेवल पर भी आपदा कंट्रोल रूम बनाए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी क्षेत्र में आपदा आने पर रिस्पॉन्स टाइम कम से कम हो।
मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने संवेदनशील जल विद्युत परियोजनाओं के आसपास अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने, हेलीपैड मेंटिनेंस के लिए डीएम, एसडीआरएफ एवं नागरिक उड्डयन विभाग के अधिकारी इनका स्थलीय निरीक्षण करने। संचार व्यवस्थाएं सुचारु रखने के निर्देश दिए। बैठक में वर्चुअल माध्यम से आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार शत्रुघ्न सिंह, प्रमुख सचिव आरके सुधांशु, सचिव शैलेश बगोली, नितेश झा, एसए मुरुगेशन, डीआईजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल, संबंधित विभागीय सचिव, सभी कमिश्नर एवं जिलाधिकारी उपस्थित थे।
सभी जिलाधिकारी स्थानीय जनप्रतिनिधियों की फोन लिस्ट अपडेट रखें, ताकि किसी भी प्रकार की घटना होने पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। संवेदनशील स्थानों पर रिलीफ कैंप के लिए जगह चिन्हित की जाए। उन्होंने अधिकारियों पर्वतीय जिलों में खाद्यान्न की पूर्ण व्यवस्था रखने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी लाइन डिपार्टमेंट से नोडल ऑफिसर की नियुक्ति जल्द की जाए। यह सुनिश्चित हो कि आपदा के दौरान किसी भी प्रकार की क्षति होने पर आपदा के मानकों के हिसाब से संबंधित को क्षतिपूर्ति का भुगतान जल्द हो।
कोविड अप्रोप्रिएट बिहेवियर को ध्यान में रखें, जिन जिलों में अभी मॉक ड्रिल नहीं हुई है, जल्द की जाए। अति संवेदनशील एवं संवेदनशील स्थानों पर हर समय पर्याप्त उपकरणों की व्यवस्था की जाए। सभी जिलाधिकारी हेलीपैड मेंटिनेंस पर विशेष ध्यान दें। उन्होंने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि लोगों को आवागमन में कम से कम परेशानी हो, इसके लिए वैकल्पिक मार्गों की पूर्ण व्यवस्था हो। आपदा प्रबंधन की दृष्टि से पेयजल एवं बिजली की आपूर्ति के लिए क्विक रिस्पॉन्स हो। पेयजल गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।