कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता विकास चौधरी की हत्या के मामले में पुलिस हर कोण से जांच में जुटी हुई है। पुलिस का मानना है कि प्रथम दृष्टया ये मामला रंजिश में हुई हत्या का है। विकास का फाइनेंस का काम था। ऐसे में पुलिस उनके साथ लेनदेन करने वालों की भी जानकारी जुटाने में लगी है। कांग्रेस प्रवक्ता विकास चौधरी ने अपनी छोटी बेटी ईरा (7) के नाम से ईरा फाइनेंस एंड लीज कंपनी बनाई थी।
इसमें विकास चौधरी के साथ उनका भाई गौरव चौधरी भी काम देखता था। बिजली निगम से सेवानिवृत्त एसडीओ विकास के पिता आरसी चौधरी ने बताया कि उनके बेटे की किसी के साथ कोई रंजिश थी या उसे कभी कोई धमकी मिली हो। इस बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है।
वह उनके साथ इस संबंध में कोई बातचीत नहीं करता था। विकास के साथ उसका छोटा भाई गौरव काम देखता था तो विकास ने उसके साथ भी इस संबंध में कोई चर्चा की तो उन्हें पता नहीं है। वहीं इस मामले में पुलिस रंजिशन हत्या के साथ राजनीतिक कारणों को भी खंगालने में जुटी है। मामले की जांच खुद डीसीपी क्राइम राजेश कुमार कर रहे हैं।
एसीपी क्राइम सहित क्राइम ब्रांच की पांच टीमें जांच में जुटी हुई हैं। मौके पर मिले सीसीटीवी कैमरे की फुटेज के अलावा पुलिस सेक्टर-9 स्थित विकास चौधरी के घर से लेकर जिम तक के रास्ते में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालने में जुटी हुई है। पुलिस यह जानने का प्रयास कर रही है कि हमलावर घर से ही विकास के पीछे लगे थे या फिर जिम के पास ही इंतजार कर रहे थे। पुलिस उस कार का नंबर भी तलाश करने का प्रयास कर रही है ताकि हमलावरों तक पहुंचा जा सके।
सेक्टर सात थाने का घोषित अपराधी था विकास
विकास चौधरी के खिलाफ शहर के विभिन्न थानों में मारपीट, जबरन वसूली, अपहरण सहित विभिन्न धाराओं में एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज थे। विकास के खिलाफ गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश में भी मामला दर्ज है। पुलिस के अनुसार विकास चौधरी सेक्टर-सात थाने का घोषित अपराधी था। राजनीति में आने के बाद वह अपनी छवि सुधारने में लगा था। प्रदेश पुलिस में एडीजीपी (कानून व्यवस्था) नवदीप सिंह विर्क ने ट्वीट कर बताया कि विकास के खिलाफ विभिन्न थानों में 13 मामले दर्ज थे। इनमें से कई अदालत में विचाराधीन हैं।