दिल्ली के मुंडका अग्निकांड के पांच दिन बाद आज भी ऐसे अगनिगत परिवार हैं, जो अपनों की तलाश कर रहे हैं। उन्हीं में से एक मनोज ठाकुर हैं, जिन्हें पूरा भरोसा है कि उनकी पत्नी सोनी जरूर किसी अस्पताल में भर्ती होगी, अस्पताल वाले इसकी सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। मंगलवार को भी उन्होंने सुबह संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल से सोनी को ढूंढने का सिलसिला शुरू किया, इसके बाद अंबेडकर अस्पताल, एम्स, सफदरजंग और आरएमएल के बर्न वार्ड में सोनी को तलाश किया। शाम को करीब पांच बजे वह महावीर अस्पताल और फिर सोनिया अस्पताल जाने की तैयारी में थे। मूल रूप से बिहार के सहरसा के रहने वाले मनोज मुंडका गांव में रहते हैं। मुंडका अग्निकांड के दौरान बिल्डिंग में उनकी पत्नी सोनी भी फंसी थी, वह भी कैमरे वाली कंपनी में काम करती थी। सोनी ने मनोज को फोन किया कि यहां आग लग गई है। जल्दी आ जाओ और उसे बचा लो, बहुत डर लग रहा है।
उस समय मनोज द्वारका में थे। वह किसी तरह से भागकर मुंडका आए तो देखा कि बिल्डिंग में तेज आग लगी हुई थी। उन्होंने सोनी को फोन लगाया, तो उनका फोन बंद आ रहा था। मनोज ने कहा कि तब से उसका कुछ अता पता नहीं चल रहा है।
मनोज अपने दो छोटे बच्चों के सामने नहीं पड़ना चाहते। जैसे ही वह बच्चों से मिलते हैं, वह उनसे सवाल करते हैं कि पापा कब आएंगी मम्मी। मनोज के पास इसका कोई जवाब नहीं है। मनोज का बेटा 12 साल का है और बेटी 10 साल की। दोनों बच्चे अपनी मौसी के पास हैं।
मनोज पूरा दिन अपने साले अमित कुमार मिश्र के साथ पत्नी की तलाश में एक से दूसरे अस्पताल के चक्कर लगा रहे हैं। मनोज ने बताया कि जब आग लगी तो बाकी औरतों के साथ-साथ सोनी भी उस जगह पर आई थी, जहां पर शीशे को तोड़कर क्रेन से औरतों को उतारा जा रहा था।
उन्होंने एक वीडियो दिखाया और कहा कि ये नीले सूट और काले दुपट्टे में मेरी सोनी खड़ी है। वह भी क्रेन में चढ़ना चाहती है। फिलहाल वीडियो क्लिप छोटी सी है। जिसमें ये साफ नहीं हो पा रहा है कि सोनी क्रेन पर चढ़ पाई कि नहीं। लेकिन मनोज को पूरी उम्मीद है कि उनकी पत्नी किसी अस्पताल में भर्ती है और जल्द ही वह ठीक होकर घर लौट आएगी।