करवा चौथ व्रत के तुरंत बाद ट्रांस फैट युक्त भोजन महिलाओं के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है। यह समस्या उन महिलाओं को ज्यादा हो सकती है जो मधुमेह ग्रस्त हैं। ऐसे में इन महिलाओं को व्रत के दौरान खास सावधानी बरतनी चाहिए। साउथ एशियन फेडरेशन ऑफ एंडोक्राइन सोसायटीज के उपाध्यक्ष डॉ. संजय कालडा बताते हैं कि उपवास शरीर से जहरीले तत्वों को बाहर करने यानी डिटॉक्सीफाई करने और तन-मन को संतुलित रखने का एक अच्छा उपाय है।
बीच-बीच में उपवास रखने से सेहत को कई तरह के लाभ होते हैं, लेकिन मधुमेह से पीड़ित महिलाओं में बिना उचित सावधानी के निर्जला व्रत रखने से उन्हें हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता है। व्रत में पूरे दिन पानी नहीं पीने से डिहाइड्रेशन, डिसलेक्ट्रोलिटेमिया और हाइपोटेंशन हो सकता है। व्रत तोडने के बाद महिलाएं खूब सारा तैलीय, वसा और कैलोरीयुक्त भोजन कर लेती हैं।
ऐसा व्यवहार हाइपरग्लाइसेमिया और ग्लाइसेमिया को जन्म दे सकता है। टाइप 1 डायबिटीज वाले लोगों को हाइपोग्लाइसीमिया का जोखिम रहता है। वहीं, मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर रजनीश मल्होत्रा बताते हैं कि व्रत शुरू करने से पहले महिलाओं को प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर भोजन लेना चाहिए। वहीं व्रत खोलने के बाद खुद को हाइड्रेट करने के लिए पहले थोड़ा पानी या जूस पीएं।
एकदम से मिठाई या तले हुए खाद्य पदार्थों के बजाय सब्जी, दही, चपाती, चावल के साथ दाल आदि को भोजन में शामिल करना चाहिए। महिलाओं को टिप्स देते हुए वरिष्ठ डॉक्टर आरएन कालरा बताते हैं कि चिकित्सा सलाह लें और व्रत शुरू करने से पहले जरूरी लगे तो परीक्षण करा लें।
साथ ही अपने चिकित्सक से एक विशेष डाइट प्लान बनाकर देने को कहें। इसे व्रत से पहले और बाद में लागू किया जा सकता है। इसके अलावा ब्लड शुगर की नियमित रूप से निगरानी करें। यदि आपका ब्लड ग्लूकोज 70 या 300 एमजी प्रति डीएल से कम हो जाये तो तत्काल व्रत तोड़ देना चाहिए।