उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के गगहा इलाके के जगदीशपुर भलुआन गांव में बदमाशों की गोली से घायल दसवीं की छात्रा काजल सिंह की मौत से पूरे जिले में सनसनी फैल गई है। वहीं घटना के छह दिन बाद भी पुलिस एक आरोपी को भी नहीं दबोच सकी है। यह हाल तब है जब गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें बनाई गईं हैं। पुलिस लगातार दबिश का दावा भी कर रही है। पुलिस ने आरोपी विजय प्रजापति के जमानतदार, कुछ करीबियों को जरूर उठाया है, लेकिन विजय तो दूर, उसके घर-परिवार और घटना में शामिल अन्य आरोपियों की परछाई भी पुलिस नहीं छू सकी है। मामले में पुलिस की नाकामी की वजह से सियासत भी शुरू हो गई है। तमाम नेताओं समेत क्षेत्र के लोग काजल को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, 20 अगस्त की रात रुपयों के लेनदेन के विवाद में आरोपी विजय प्रजापति अपने साथियों के साथ राजू नयन सिंह के घर पर धावा बोल दिया था। वहां पर विवाद होने पर उसने राजू नयन की पिटाई शुरू कर दी थी। पिता की पिटाई होती देख काजल ने इसका विरोध करते हुए वीडियो बनाना शुरू कर दिया था। इसपर विजय ने काजल को दौड़ाकर तमंचे से उसे गोली मार दी थी। वारदात कर सभी आरोपी काजल का मोबाइल लेकर फरार हो गए थे। घायल काजल ने लखनऊ में इलाज के दौरान बुधवार को दम तोड़ दिया।
बहादुर बेटी की मौत से नम हुईं सबकी आंखें
पिता की पिटाई कर रहे लोगों का वीडियो बनाने पर काजल को बहादुर बोला जा रहा था। लेकिन वह बहादुर बेटी जब जिंदगी की जंग हारकर घर पहुंची तो सबकी आंखें नम हो गईं। घर, रिश्तेदार, आसपास के लोग काजल का शव देखकर फफक पड़े। लोगों ने कहा कि काजल हमेशा सबकी यादों में जिंदा रहेगी।
काजल अपने माता-पिता की एकलौती संतान थी। उम्र के इस पढ़ाव पर संतान को गंवाने का दुख परिवार सहन नहीं कर पा रहा है। कई रिश्तेदार भी मदद के लिए पहुंच रहे हैं। वहीं लाडली बेटी की मौत के बाद से ही पिता राजू नयन सिंह का बिलखना देख हर किसी की आंखें भर आ रही हैं। उनका कहना है कि मैं अपनी बेटी को नहीं बचा पाया, मेरी तो जिंदगी ही उजड़ गई।
दरोगा ने खून देकर जान बचाने की कोशिश की थी
काजल के परिजनों के साथ गए गगहा थाने के दरोगा अमित चौधरी ने भी उसकी जान बचाने के लिए भरपूर कोशिश की थी। उन्होंने रक्तदान भी किया था, ताकि उसका ऑपरेशन सफल हो सके, पर तमाम कोशिशें बेकार हो गईं और काजल ने बुधवार को आखिरी सांस ली। दरोगा रिश्तेदारों की मदद से काजल के माता- पिता को संभालने की कोशिश में लगे रहे।