कोरोना वायरस संक्रमण रोकने के लिए वैक्सीनेशन को सबसे प्रभावी उपाय माना जा रहा है। हालांकि जब से देश में टीकाकरण की शुरुआत हुई है, तब से वैक्सीन को लेकर फैल रही तमाम तरह की खबरें लोगों को भ्रमित कर रही हैं। डॉक्टरों और स्वास्थ्य संगठनों ने वैक्सीन की प्रभाविकता और इसकी सुरक्षा को लेकर लोगों को बार-बार जागरूक किया है, लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल रही कुछ सूचनाएं ध्यान भटकाने वाली हैं।
पिछले दिनों सोशल मीडिया पर प्रख्यात फ्रांसीसी वायरोलॉजिस्ट और नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जो वैक्सीन को लेकर लोगों में डर पैदा करने के लिए काफी है। चूंकि ल्यूक दुनियाभर में प्रख्यात हैं ऐसे में लोग इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा शेयर कर रहे हैं। आइए जानते हैं इस वायरल पोस्ट में ऐसा क्या है जो लोगों में वैक्सीन को लेकर डर का माहौल बना रहा है?
क्या है वायरल पोस्ट
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में कहा जा रहा है कि जिन लोगों ने कोरोना वायरस का टीकाकरण करा लिया है, उन सभी की दो साल के भीतर मौत हो जाएगी। इस पोस्ट में नोबेल पुरस्कार विजेता ल्यूक मॉन्टैग्नियर के हवाले से कहा जा रहा है- जिन लोगों ने कोरोना का टीका लगवा लिया है, उनके बचने की कोई संभावना नहीं है। कोरोना की यह वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडी डिपेंडेंट इनहैसमेंट का कारण बन रही है, जिसके चलते कोरोना वायरस और अधिक गंभीर रूप ले रहा है। इसका कोई भी उपचार नहीं है।
एंटीबॉडी डिपेंडेंट इनहैसमेंट क्या है?
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि वैक्सीन मुख्यरूप से वायरस के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने में मदद करती हैं। इस दौरान शरीर में कई ऐसी एंटीबॉडीज भी बन जाती हैं जो वायरस को पकड़ तो लेती हैं लेकिन उसे संक्रमण फैलाने से नहीं रोक पाती हैं। ऐसी स्थिति में संक्रमण बढ़ जाता है, इस प्रक्रिया को एंटीबॉडी डिपेंडेंट इनहैसमेंट कहा जाता है।
सोशल मीडिया पर वायरल पोस्ट में इसी तरह से वैक्सीन से बने कथित एंटीबॉडी डिपेंडेंट इनहैसमेंट को लेकर चिंता जाहिर की गई है।
क्या है इस पोस्ट की सच्चाई?
भारत सरकार के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) ने ट्वीट के माध्यम से इस वायरल खबर का खंडन करते हुए लोगों को जागरूक किया है। ट्वीट में बताया गया है कि इस तरह का दावा पूरी तरह से झूठा है, कृप्या इनपर भरोसा न करें। सोशल मीडिया पर कोविड-19 के टीके को लेकर फ्रांसीसी नोबेल पुरस्कार विजेता के तस्वीर के साथ कथित बयान को फैलाया जा रहा है, जिसमें कोई सच्चाई नहीं है। इस तरह की बातों पर भरोसा न करें, वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है।
क्या ल्यूक मॉन्टैग्नियर ने ऐसा कुछ कहा था?
अमेरिका स्थित आरएआईआर फाउंडेशन ने 18 मई 2021 को ल्यूक मॉन्टैग्नियर का इंटरव्यू प्रसारित किया था। इसके बाद 25 मई को एक लेख प्रकाशित कर स्पष्ट किया है कि ल्यूक ने वैक्सीन के कारण दो साल में मौत होने जैसी बात कही ही नहीं थी। उन्होंने बस यह कहा था कि वैक्सीन के कारण कोरोना के नए वैरियंट्स पैदा हो सकते हैं। ल्यूक पहले भी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रह चुके हैं। इससे पहले अप्रैल 2020 में उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस को इंसानों ने बनाया है।
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नोट: यह लेख केंद्र सरकार के के प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) द्वारा किए गए फैक्ट चेक ट्वीट के आधार पर तैयार किया गया है।
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