Lung Disease symptoms: हमारे फेफड़े शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक हैं, जो हमें लगातार सांस लेने और रक्त को ऑक्सीजन पहुंचाने का जरूरी काम करते हैं। इन दिनों वायु प्रदूषण अपने चरम पर है, दिल्ली के कई जगहों पर AQI 400 से अधिक है, ऐस में फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों का जोखिम तेजी से बढ़ता जा रहा है।
Health Tips: फेफड़ों से जुड़े ये चार लक्षण भूलकर भी न करें नजरअंदाज, हो सकता है इन गंभीर बीमारियों का संकेत
Lung Disease Symptoms: वायु प्रदूषण इन दिनों अपने चरम पर है, और ऐसे में फेफड़े से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। कई लोग जानकारी के अभाव में लक्षणों को पहचान नहीं पाते हैं। इसलिए आइए इस लेख में इसी के बारे में जानते हैं कि फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के शुरूआती लक्षण क्या होते हैं?
लगातार बनी रहने वाली खांसी
फेफड़ों की समस्याओं का सबसे आम और पहला संकेत है लगातार बनी रहने वाली खांसी। यदि आपकी खांसी तीन सप्ताह या उससे अधिक समय तक बनी रहती है और यह सामान्य उपचार के बावजूद ठीक नहीं हो रही है, तो यह गंभीर चिंता का विषय है। यह क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस, सीओपीडी या फेफड़ों के कैंसर का शुरुआती लक्षण हो सकती है। कफ में खून आना तत्काल चिकित्सकीय परामर्श की मांग करता है।
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सांस लेने में कठिनाई (सांस फूलना)
सांस लेने में कठिनाई या सांस फूलना एक और गंभीर चेतावनी है। यदि आपको मामूली शारीरिक गतिविधि करने पर भी साँस फूलने लगती है, जैसे कि सीढ़ियां चढ़ना, तो यह फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी का संकेत है। यह अक्सर अस्थमा, सीओपीडी या हृदय संबंधी समस्याओं से जुड़ा हो सकता है। बिना स्पष्ट कारण के सांस फूलना खतरनाक हो सकता है।
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सीने में लगातार दर्द
सीने में दर्द कई समस्याओं का संकेत हो सकता है, लेकिन यदि यह दर्द लगातार बना रहता है, खासकर सांस लेने या खांसने के दौरान, तो यह फेफड़ों से संबंधित हो सकता है। यह दर्द अक्सर फेफड़ों के बाहरी आवरण (प्लूरिसी) में सूजन, संक्रमण या गंभीर मामलों में फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकता है। किसी भी लंबे समय तक रहने वाले सीने के दर्द को अनदेखा न करें।
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सांस लेते समय घरघराहट या छाती से सीटी जैसी कोई असामान्य आवाज़ आना फेफड़ों से जुड़ी एक और गंभीर समस्या है। यह आवाज़ तब आती है जब सांस की नलियां सिकुड़ जाती हैं। यह अस्थमा का एक विशिष्ट लक्षण है, लेकिन यह गंभीर एलर्जी प्रतिक्रिया या फेफड़ों में संक्रमण का भी संकेत हो सकता है। ऐसी आवाजें सुनने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें।
नोट: यह लेख मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है।
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