भीषण तपती गर्मी के बाद आने वाला मानसून काफी राहत से भरा हुआ होता है, पर अपने साथ यह कई तरह की परेशानियां भी लेकर आता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, बरसात के इस मौसम में गंदगी, दूषित पानी और भोजन के कारण कई तरह के संक्रमण का जोखिम बढ़ जाता है। यह पेट से लेकर शरीर के कई अन्य अंगों तक के लिए मुश्किलों का कारण बन सकती है। इस वजह से विशेषज्ञ इस मौसम में सेहत को लेकर विशेष ध्यान देने की आवश्यकताओं पर जोर देते हैं। इस मौसम में गैस्ट्रोएंटेराइटिस, डेंगू, टाइफाइड और डायरिया जैसी समस्याओं को काफी अधिक देखा जाता रहा है।
मानसून का यह मौसम किडनी की समस्याओं के शिकार लोगों के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं, बरसात के मौसम में नमी युक्त परिस्थितियों के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण हो जाता है। इसमें की गई लापरवाही किडनी में संक्रमण या डैमेज का कारण बन सकती है।
इस मौसम में होने वाली तमाम बीमारियों जैसे लेप्टोस्पायरोसिस, डेंगू, टाइफाइड, एक्यूट गैस्ट्रोएंटेराइटिस, हेपेटाइटिस ए और ई के कारण किडनी में सूजन हो सकती है। ऐसे में जिन लोगों को पहले से ही किडनी की समस्या है उन्हें अपनी सेहत को लेकर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं कि आपको किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए?
मानसून का यह मौसम किडनी की समस्याओं के शिकार लोगों के लिए भी काफी चुनौतीपूर्ण माना जाता है। डॉक्टर्स कहते हैं, बरसात के मौसम में नमी युक्त परिस्थितियों के दौरान व्यक्तिगत स्वच्छता का ध्यान रखना महत्वपूर्ण हो जाता है। इसमें की गई लापरवाही किडनी में संक्रमण या डैमेज का कारण बन सकती है।
इस मौसम में होने वाली तमाम बीमारियों जैसे लेप्टोस्पायरोसिस, डेंगू, टाइफाइड, एक्यूट गैस्ट्रोएंटेराइटिस, हेपेटाइटिस ए और ई के कारण किडनी में सूजन हो सकती है। ऐसे में जिन लोगों को पहले से ही किडनी की समस्या है उन्हें अपनी सेहत को लेकर विशेष ध्यान देते रहने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं कि आपको किन बातों का खास ख्याल रखना चाहिए?