एचआईवी संक्रमण मौजूदा समय में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है। वैश्विक आंकड़ों पर नजर डालें तो करीब 37 मिलियन (3.7 करोड़) से अधिक लोग इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के शिकार हैं। साल 2020 के आंकड़े बताते हैं कि इस गंभीर बीमारी के चलते 6 लाख 80 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई, वहीं 15 लाख से अधिक नए लोगों में एचआईवी संक्रमण के बारे में पता चला। चूंकि अभी तक एचआईवी संक्रमण का कोई इलाज नहीं है, इसलिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ सभी लोगों को इससे बचाव के नियमों को पालन में लाते रहने की सलाह देते हैं।
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी), शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को लक्षित करके शरीर के कमजोर करता जाता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण समय के साथ लोगों में अन्य गंभीर प्रकार के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। एचआईवी संक्रमण आगे चलकर एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का रूप ले लेता है। कुछ लोगों में एचआईवी संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसी बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।
ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी), शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को लक्षित करके शरीर के कमजोर करता जाता है। कमजोर इम्यूनिटी के कारण समय के साथ लोगों में अन्य गंभीर प्रकार के संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। एचआईवी संक्रमण आगे चलकर एक्वायर्ड इम्युनो डेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का रूप ले लेता है। कुछ लोगों में एचआईवी संक्रमण का खतरा अधिक होता है। इसी बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस के रूप में मनाया जाता है। आइए इस गंभीर स्वास्थ्य समस्या के बारे में विस्तार से जानते हैं।