Guru Nanak Jayanti 2025: हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रकाश पर्व अपार श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाता है। यह दिन केवल सिख धर्म के अनुयायियों के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए विशेष है जो मानवता, समानता और सत्य को जीवन का आधार मानते हैं।
गुरु नानक देव जी ने कहा था —
“ना कोई हिन्दू, ना कोई मुसलमान — सब एक ही परमात्मा की संतान हैं।”
उनकी वाणी ने समाज को जात-पात, भेदभाव और अंधविश्वास से मुक्त करने का संदेश दिया। गुरु नानक देव जी के बाद सिख धर्म में नौ और गुरुओं ने उनकी शिक्षाओं को आगे बढ़ाया, जिन्होंने धर्म, समाज और इंसानियत की नई परिभाषा गढ़ी।
गुरु नानक देव जी का जीवन और शिक्षाएं
गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल 1469 तलवंडी में हुआ था। यह स्थान वर्तमान में पाकिस्तान के ननकाना साहिब में है। तिथि अनुसार, खट्टक यानी कार्तिक पूर्णिमा तिथि को हुआ था। वहीं 22 सितंबर 1539 को करतारपुर में उन्होंने अपनी श्वास त्याग दी। गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के माध्यम से तीन मूल सिद्धांत दिए,
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नाम जपो (ईश्वर का स्मरण करो)
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किरत करो (ईमानदारी से जीवन यापन करो)
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वंड छको (अपना हिस्सा दूसरों से बाँटो)
उन्होंने कहा कि भगवान एक है और हर इंसान में वही आत्मा बसती है। उन्होंने लोगों को सादगी, सेवा और समानता का रास्ता दिखाया।