पांच बर्फीले दर्रों पर बर्फ की कई फीट ऊंची दीवारों को काटकर छह महीने बाद सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग बहाल कर दिया गया है। 16050 फीट ऊंचा बारालाचा दर्रा बहाल होते ही सीमावर्ती क्षेत्र लेह-लदाख अब मनाली से जुड़ गया है।
चीन और पाकिस्तान की सीमा तक सेना के जवानों को पहुंचने में अब आसानी होगी। हालांकि, बारालाचा दर्रे पर सोमवार सुबह बर्फबारी के कारण वाहनों की आवाजाही एक-दो दिनों के भीतर ही हो सकेगी।
बीआरओ के बीआरटीएफ के कमांडर कर्नल उमाशंकर ने कहा कि विकट परिस्थितियों में भी पिछले साल की अपेक्षा लगभग तीन सप्ताह पहले ही इस मार्ग को बहाल करने में सफलता मिली है।
टीम का हौसला बढ़ाने बीआरओ की दीपक परियोजना के चीफ इंजीनियर ब्रिगेडियर एमएस बाघी भी बारालाचा पहुंचे। वहीं, जिला मुख्यालय केलांग में सोमवार को जनजातीय विकास परियोजना सलाहकार समिति की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने की। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए लाहौल के लिए कुल बजट 62 करोड़ 51 लाख आवंटित किया गया है, जो पिछले वित्त वर्ष के बजट के मुकाबले 6 करोड़ 82 लाख अधिक है।
कृषि मंत्री डॉ. रामलाल मारकंडा ने कहा कि मनाली-लेह मार्ग के खुलते ही अब कोविड-19 के खतरे के मद्देनजर सरचू में पुलिस पोस्ट व मेडिकल टीम तैनात की जाएगी।