Kajari Teej Shubh Muhurat: तीज भारत में सबसे अधिक मनाया जाने वाला और प्रिय त्योहारों में से एक है। हिंदू एक वर्ष में तीन तीज त्योहार मनाते हैं, जिनमें हरियाली तीज, कजरी तीज और हरतालिका तीज शामिल हैं। इस अवसर को उत्तर भारतीय राज्यों, विशेष रूप से राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में महिलाओं द्वारा चिह्नित किया जाता है। वे भगवान शिव और देवी पार्वती से प्रार्थना करती हैं और अपने पति की भलाई के लिए निर्जला व्रत (बिना भोजन और पानी के) रखती हैं। कजरी तीज को छोटी तीज के विपरीत बड़ी तीज के रूप में भी जाना जाता है, जिसे हरियाली तीज के नाम से भी जाना जाता है। कजरी तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। यह हरियाली तीज के 15 दिनों के बाद आता है। कजरी तीज मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाई जाती है। कुछ जगहों पर इस त्योहार को बूढ़ी तीज और सतोड़ी तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस साल कजरी तीज 14 अगस्त रविवार को पड़ रही है। इस दिन भगवान महादेव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। हरियाली तीज और हरतालिका तीज की तरह कजरी तीज भी शादीशुदा महिलाओं के लिए काफी अहमियत रखती है। माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि आती है। आइए जानते हैं कजरी तीज का शुभ मुहूर्त, महत्व और पूजा विधि।
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जानिए कजरी तीज का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
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कजरी तीज 2022 तिथि और शुभ मुहूर्त
कजरी तीज 2022 तिथि: 14 अगस्त 2022, रविवार
तृतीया तिथि आरंभ: 14 अगस्त, प्रातः 12:53 से
तृतीया तिथि समाप्त: 14 अगस्त, रात्रि 10:35 पर
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कजरी तीज शुभ योग
कजरी तीज पर कुछ खास योग बन रहे हैं। जो इस प्रकार है।
अभिजित मुहूर्त- 14 अगस्त 2022, रविवार, दोपहर 12: 08 मिनट से 12: 59 मिनट तक
सर्वार्थ सिद्धि योग-14 अगस्त 2022, रविवार, रात्रि 09: 56 मिनट से 15 अगस्त प्रातः 06: 09 मिनट तक
विजय मुहूर्त- 14 अगस्त 2022, रविवार, दोपहर 02: 41 मिनट से दोपहर 03:33 मिनट तक
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कजरी तीज का महत्व
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवी पार्वती भगवान शिव से शादी करना चाहती थीं, और उन्होंने अपनी इच्छा पूरी करने के लिए घोर तपस्या की। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है। कजरी तीज के दिन महिलाएं निर्जला व्रत भी रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं। महिलाएं विभिन्न अनुष्ठानों और परंपराओं के बीच नीम के पेड़ की पवित्र पूजा भी करती हैं। इसके अतिरिक्त, अविवाहित महिलाएं मनचाहे जीवनसाथी की कामना के लिए तीज व्रत का पालन कर सकती हैं।
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कजरी तीज की पूजा सामग्री
कजरी तीज का व्रत करते समय कुछ विशेष सामग्री की आवश्यकता होती है। सामग्री इस प्रकार है-
पीला वस्त्र, कच्चा सूत, नए वस्त्र, केला के पत्ते, कलश, अक्षत या चावल,गाय का दूध, पंचामृत, गंगाजल, दही, मिश्री, शहद, जनेऊ, जटा, नारियल, सुपारी, दुर्वा, घास, घी, कपूर,बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, अबीर गुलाल, श्रीफल, चंदन आदि।
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