Bhagavad gita Shlokas: आज के इस भागदौड़ भरे दौर में हम सभी किसी न किसी रूप में तनाव, बेचैनी और गुस्से का सामना करते हैं। ऐसे में नींद न आना मानसिक अशांति और क्रोध जीवन का हिस्सा बन गए हैं। हजारों वर्षों पुरानी भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि आत्मिक और मानसिक संघर्षों के समाधान का गहरा विज्ञान है। जब अर्जुन युद्ध के मैदान में मानसिक रूप से टूट चुके थे और तब श्रीकृष्ण ने उन्हें जो ज्ञान दिया, वह आज के समय में भी मेंटल हेल्थ थेरेपी की तरह काम कर सकता है। जिसे समझकर कोई भी मनुष्य अपने कष्ट दूर कर निरोगी रह सकता है।
Bhagavad Gita Shlok: जानें कैसे मिल सकती है सभी रोगों से मुक्ति, आप भी करें गीता में लिखी इन बातों का पालन
Gita Shlok: हजारों वर्षों पुरानी भगवद गीता केवल एक धार्मिक ग्रंथ नहीं, बल्कि आत्मिक और मानसिक संघर्षों के समाधान का गहरा विज्ञान है। जो हर उम्र के व्यक्ति के लिए लाभकारी हैं। जब अर्जुन युद्ध के मैदान में मानसिक रूप से टूट चुके थे और तब श्रीकृष्ण ने उन्हें जो ज्ञान दिया, वह आज के समय में भी मेंटल हेल्थ थेरेपी की तरह काम कर सकता है।
युक्तस्वप्नाव बोधस्य योगो भवति दु:ख’।।
इस श्लोक का अर्थ है कि, जो व्यक्ति संतुलित आहार-विहार, कर्मों में उचित चेष्टा और नियमित नींद-जागृति का पालन करता है, उसके लिए योग उसके सभी दुखों को नष्ट करने वाला बन जाता है।
तच्छानन्तिरौषधप्राशैर्जपहोमसुरार्चनै:’।।
इस श्लोक का अर्थ है कि, जप, हवन, देवताओं का पूजन, ये सब भी रोगों की दवाएं हैं जो जन्म-जन्मांतर के पाप को समाप्त कर इस जन्म के कष्ट एवं रोगों से मुक्त करती हैं।
Gita Shlok: गीता के इन उपदेशों से खुलते हैं सफलता के मार्ग, हर मुश्किल होगी आसान
Bhagavad Gita: हर उम्र के व्यक्ति को माननी चाहिए गीता में लिखी ये 5 महत्वपूर्ण बातें
गीता में श्रीकृष्ण ने भोजन के तीन प्रकार बताएं हैं, तामसिक, राजसिक और सात्विक भोजन। मनुष्य को अगर खुद को मन और शरीर से शुद्ध और स्वस्थ रखना है, तो उसे सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए। सात्विक भोजन में अनाज, फल, सब्जी और दूध आते हैं।
गीता के अनुसार, शरीर के रोगी रहने का कारण मनुष्य के पिछले जन्म के कुकर्म और पाप भी बताये गये हैं। इन पापों से मुक्ति पाने के लिए देवी-देवताओं से ही माफी मांगी जा सकती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।