Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने 'चाणक्य नीति' नामक ग्रंथ की रचना की है, जिसमें जीवन से जुड़ी कई समस्याओं का जिक्र है। इस नीति शास्त्र का अध्ययन करने पर व्यक्ति को जीवन और लक्ष्य के प्रति नए नजरिए की प्राप्ति होती हैं। भगवान कृष्ण ने गीता का पाठ अर्जुन को तब पढ़ाया था, जब उनके कदम युद्ध के लिए डगमगाने लगे थे। फिर श्रीकृष्ण की बातों को सुनकर अर्जुन अपने लक्ष्य को पूरा करने की ओर अग्रसर हुए। तभी से ऐसा माना गया है कि जीवन की विपरीत परिस्थितियों में मनुष्य को हमेशा गीता के उपदेशों का स्मरण करना चाहिए। गीता संपूर्ण जीवन दर्शन है और इसका अनुसरण करने वाला व्यक्ति जीवन में कभी निराश नहीं होता है। गीता में श्रीकृष्ण ने कहा है कि मन का परिवर्तन करने से ही दुखों का अंत होता है।
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की इन बातों को अपनाने वालों का जीवन होता है सुखी
आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में जीवन के हर क्षेत्र से संबंधित महत्वपूर्ण बातों का जिक्र किया है। यदि इन बातों को ध्यान में रखा जाए तो व्यक्ति एक संतुष्ट और सफल जीवन व्यतीत कर सकता है।
हिंदू धर्म ईश्वर के बाद महिलाओं को सबसे ऊंचा स्थान दिया गया है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति महिलाओं का सम्मान नहीं करता, वह कभी सुखी नहीं रह सकता। ऐसे घरों में प्रगति के साथ-साथ देवी लक्ष्मी का वास भी नहीं होता है।
लालच, वासना और सत्ता की भूख को चाणक्य ने सबसे बड़ा शत्रु माना है, और उन्होंने लोगों को लालच से दूर रहने की सलाह दी है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी चीज का लालच आपको सफलता से दूर ले जा सकता है और रिश्ते खराब कर सकता है।
अहंकार से बचना
अहंकार के कारण व्यक्ति अपनी गलतियों को नजरअंदाज करता है, किसी के साथ अच्छे से नहीं रह पाता। आचार्य चाणक्य के अनुसार, कार्यस्थल पर अहंकार आपको दूसरों की बात सुनने से रोकता है। हमेशा विनम्र रहें और दूसरों की राय का सम्मान करें।
गुस्से को नियंत्रित करने से व्यक्ति अपने रिश्तों और सम्मान की रक्षा करता है और बेहतर निर्णय ले पाता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, गुस्सा निर्णय लेने की क्षमता को प्रभावित करता है। शांत रहने के लिए गहरी सांस लें और ध्यान करें।
Chanakya Niti: करियर में खुलेंगे तरक्की के नए रास्ते, याद रखें आचार्य चाणक्य की ये 3 बातें
Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य की इन बातों को अपनाने वालों के जीवन में कभी नहीं आती हैं मुसीबतें
अच्छी संगत में रहना
अच्छी संगत में रहने से व्यक्ति का चरित्र और जीवन की दिशा सुधरती है, सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा के साथ वह नकारात्मकता से भी दूर रहता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार, अच्छी संगत आपको सफलता की ओर ले जाती है और कठिन समय से लड़ने की क्षमता देती है।
डिस्क्लेमर (अस्वीकरण): ये लेख लोक मान्यताओं पर आधारित है। यहां दी गई सूचना और तथ्यों की सटीकता, संपूर्णता के लिए अमर उजाला उत्तरदायी नहीं है।