डेंगू और वायरल का असर कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सौ शैया अस्पताल में एलाइजा जांच कराई गई। इसमें 77 बच्चों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके अलावा डेंगू की रैपिड जांच में 165 बच्चों में डेंगू के प्राथमिक लक्षण मिले हैं। मेडिकल कॉलेज की प्राचार्या डा. संगीता अनेजा की ओर से जारी आंकड़ों में 24 घंटे में करीब 180 नए मरीजों को भर्ती किया जा चुका है। वर्तमान में 410 से ज्यादा बच्चों का इलाज चल रहा है। शुक्रवार को सौ शैया अस्पताल में अभिभावक बच्चों को गोद में लेकर पहुंचे। लगातार हो रही बच्चों की मौत के कारण बीमार बच्चों को लेकर अभिभावक घबराए हुए हैं। ओपीडी में ड्यूटी कर रहे चिकित्सकों का दवा पर ही जोर रहा। सिर्फ ज्यादा गंभीर मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती किया गया। इस कारण अस्पताल में मरीजों की संख्या कम हो रही है। कई अभिभावक सरकारी अस्पताल से डिस्चार्ज कराकर अपने बच्चों को निजी अस्पताल में ले जा रहे हैं। इस कारण सौ शैय्या अस्पताल और नवनिर्मित बिल्डिंग में पलंग भी खाली हो रहे हैं।
निजी अस्पतालों और क्लीनिकों की बात करें तो स्थिति अभी सामान्य होने के बजाय गंभीर हो रही है। निजी अस्पताल में मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है। ओपीडी में चिकित्सक सुबह नौ बजे से रात्रि 11 बजे तक ड्यूटी दे रहे हैं। जगह न होने के कारण गंभीर बच्चों को आगरा रेफर किया जा रहा है। यहां तक कि गली, मोहल्लों के क्लीनिक पर भी मरीजों की भीड़ लग रही है।
मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉ. संगीता अनेजा का कहन है कि करीब 400 से अधिक बच्चे मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं। डेंगू और कोविड की जांच कराई जा रही है। यदि किसी बच्चे की स्थिति गंभीर है तो उसे भर्ती किया जा रहा है। जो दवा से ठीक हो रहे हैं, उनको दवा दी जा रही है।
तीमारदार पहले से ही परेशान, इधर से उधर टहला रहा स्टाफ
सरकारी अस्पताल की अव्यवस्था पर शासन से निगरानी हो रही है। प्रदेश स्तर पर राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। स्वास्थ्य विभाग इन अव्यवस्थाओं को दूर करने के बजाय मरीजों को इधर से उधर टहला रहा है। सत्यनगर टापा से आई बादामश्री ने बताया कि उनके एक साल के बच्चे नीशू को तेज बुखार है। सौ शैय्या अस्पताल में दिखाया तो कह दिया कि 36 नंबर कमरे में जाओ। जो बहुत दूर है। इसी उम्र के कई बच्चे सौ शैय्या अस्पताल में भी इलाज किया जा रहा था।
किशन नगर, कोटला रोड से आईं रनवीर ने बताया कि उनकी बेटी को प्राइवेट चिकित्सक ने खून की कमी बताई है। हम सौ शैय्या अस्पताल में ले आए तो दो घंटे बाद भी देखने वाला नहीं। टापा कला से आई किरन ने बताया कि बेटा मोहन को तीन दिन से बुखार है। डॉक्टर ने खून की जांच भी लिख दी है। लेकिन जहां सैंपल लिए जा रहे हैं, वहां कह दिया कि बच्चा ठीक है। कोई जांच की जरूरत नहीं। क्षेत्र में कई बच्चों की मौत हो गई है। हम डरे हुए हैं। इसलिए निजी अस्पताल में ले जा रहे हैं।
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