शराब माफिया मोती सिंह का मुठभेड़ में मारा जाना ही मेरे पति को सच्ची श्रद्धांजलि है, पुलिस ने उसे सही अंजाम तक पहुंचाया है, ऐसे अपराधियों का अंत होना जरूरी है...यह कहना है शहीद सिपाही देवेंद्र सिंह की पत्नी चंचल का। उन्होंने कहा कि पति की शहादत के बाद यही सोच रही थी कि माफिया को उसके किए की सजा मिलेगी या नहीं, भगवान से प्रार्थना की थी कि उसने जैसा गुनाह किया है, उसे वैसी ही सजा मिले।
डौकी के नगला बिंदू के सिपाही देवेंद्र जसावत कासगंज में शहीद हुए थे। उनकी हत्या का आरोप शराब माफिया मोती सिंह और उसके गिरोह के सदस्यों पर था। रविवार सुबह कासगंज में मुठभेड़ में माफिया मोती के मारे जाने की खबर मिलने पर चंचल ने कहा कि उसके पाप का घड़ा भर चुका था।
कासगंज मुठभेड़: शहीद सिपाही देवेंद्र सिंह के पिता बोले- पुलिस ने लिया बेटे की शहादत का बदला
पिता बोेले-बेटे की आत्मा को शांति मिलेगी
शहीद देवेंद्र के पिता महावीर सिंह ने कहा कि कासगंज में उनका बेटा शराब माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए गया था। वह शहीद हो गया लेकिन उसका मिशन अधूरा था। अब माफिया मोती के मुठभेड़ में मारे जाने से यह मिशन पूरा हुआ है तो बेटे की आत्मा को शांत मिली होगी। पुलिस की कार्रवाई संतोषजनक है। जैसे बिकरू कांड में पुलिस ने कार्रवाई को अंजाम तक पहुंचाया था, वैसे ही कासगंज की घटना में किया है। अपराध तभी कम हो सकता है जब अपराधियों में पुलिस का खौफ हो।
शहीद के नाम पर बने नई ग्राम पंचायत
शहीद के पिता महावीर सिंह ने कहा कि पूरा गांव चाहता है कि शहीद के नाम पर नई ग्राम पंचायत का गठन किया जाए। बेटे की शहादत के बाद आए नेताओं ने इसका वादा किया था। अब यह पूरा होना चाहिए। अनवारे गांव के पुल का नाम भी शहीद के नाम पर होना चाहिए। शहीद के घर मौजूद श्रीभगवान, हुकम सिंह, तेज सिंह, प्रथम सिंह, रमेश चंद्र, भीमसेन ने भी यही मांग की।
कासगंज पुलिस ने रविवार तड़के करीब तीन बजे मुख्य आरोपी शराब माफिया मोती को मुठभेड़ में मार गिराया। मुठभेड़ सिढ़पुरा क्षेत्र में गंगा और काली नदी के खादर में हुई। आरोपी मोती पर एक लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। उसका एक भाई एलकार कासगंज कांड के 12 घंटे बाद ही मारा गया था। चार आरोपियों को पुलिस जेल भेज चुकी है। अन्य की तलाश है।