कासगंज जिले में पुलिस टीम पर हुए हमले ने बिकरू कांड की याद ताजा कर दी। थाना सिढ़पुरा क्षेत्र के गांव नगला धीमर और नगला भिकारी में अवैध शराब बनने की सूचना पर पहुंचे पुलिसकर्मियों के साथ शराब माफिया ने बर्बरता की थी। जहां पर यह बर्बरतापूर्ण वारदात हुई थी, वहां पर बुधवार की सुबह जब पुलिस टीम पहुंची तो 'मौत की भट्ठियां' धधकती मिलीं। अगली स्लाइड्स में देखिए घटनास्थल की तस्वीरें...
थाना सिढ़पुरा के दरोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र सिंह गांव नगला धीमर और नगला भिकारी में अवैध शराब की सूचना पर पहुंचे थे। यहां शराब माफिया ने हमला कर सिपाही देवेंद्र सिंह की बर्बरतापूर्ण हत्या कर दी थी। हमले में दरोगा अशोक कुमार सिंह गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है।
शराब माफिया इतने बेखौफ थे कि पुलिसकर्मियों पर हमले के दौरान उनके हाथ तक नहीं कांपे। हमलावरों की बर्बरता देख दरोगा और सिपाही की रूह कांप उठी थी। अलीगढ़ के अस्पताल में भर्ती घायल दरोगा अशोक कुमार सिंह ने जब आपबीती सुनाई है तो उनके चेहरे पर बर्बरता का खौफ भी साफ दिखाई दिया।
बुधवार की सुबह अधिकारियों ने पुलिस फोर्स के साथ गंगा और कालीनदी की कटरी में कॉम्बिंग की। इस दौरान पुलिस अधिकारी उस जगह पर भी पहुंचे, जहां पुलिसकर्मियों के साथ बर्बरता हुई थीं। वहां पर अवैध शराब बनाने की भट्ठियां सुलग रही थीं। यह देखकर पुलिसकर्मी हैरान रह गए।
गंगा और कालीनदी की खादर में अवैध शराब बनने का कारोबार जमकर फल फूल रहा है। पुलिस और आबकारी विभाग अवैध शराब के खिलाफ अभियान चलाने का ढिंढोरा पीटता है, लेकिन जब कोई वारदात होती है तो अभियानों पर सवाल उठने लगते हैं। आखिरकार अब तक कटरी में 'मौत' की धधकती भट्ठियों पर लगाम क्यों नहीं लग पा रही है?