मोहब्बत के शहर आगरा में विरासत के सफर में चलने वाली मेट्रो कर्ज के बोझ तले दबी होगी। मय ब्याज के इसकी वसूली होगी। प्रोजेक्ट के लिए 57.26 प्रतिशत फंडिंग कर्ज से होगी। जबकि 20 प्रतिशत धनराशि केंद्र और 22.74 प्रतिशत राशि राज्य सरकार खर्च करेगी। 7297.65 करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट में 1081.97 करोड़ रुपये राज्य व केंद्र जीएसटी वसूलेगा। इस तरह मेट्रो पर कुल लागत 8379.62 करोड़ रुपये आएगी।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) की फंडिंग पैटर्न रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट की लागत को 30 साल में मेट्रो से निकाला जाएगा। 2030 तक प्रतिदिन 7.36 लाख यात्री सफर करेंगे। ऐसे में मेट्रो शुरू होने के बाद चार साल तक संचालन पर हर साल करीब 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पांचवें वर्ष से मेट्रो खर्च में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगी। फिर 2050 तक मेट्रो प्रोजेक्ट पर हुए खर्च की भरपाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (यूपीएमआरसी) की फंडिंग पैटर्न रिपोर्ट के अनुसार प्रोजेक्ट की लागत को 30 साल में मेट्रो से निकाला जाएगा। 2030 तक प्रतिदिन 7.36 लाख यात्री सफर करेंगे। ऐसे में मेट्रो शुरू होने के बाद चार साल तक संचालन पर हर साल करीब 200 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पांचवें वर्ष से मेट्रो खर्च में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ेगी। फिर 2050 तक मेट्रो प्रोजेक्ट पर हुए खर्च की भरपाई की जाएगी।