आगरा के स्मारकों में ऑनलाइन टिकट से प्रवेश की व्यवस्था होने के कारण कई सैलानियों के सामने परेशानी आ रही है। क्यूआर कोड स्कैन न होने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिल पा रहा। शुक्रवार दोपहर को महताब बाग पहुंचे दो सैलानियों ने क्यूआर कोड को स्कैन किया तो उनसे टिकट की रकम तो कट गई, लेकिन टिकट नहीं मिल पाया। उधर, फतेहपुर सीकरी में दो विदेशी सैलानियों ने डाटा चोरी होने के डर से क्यूआर कोड स्कैन नहीं किया।
महताब बाग पहुंचे दो सैलानियों ने क्यूआर कोड को स्कैन किया। टिकट की रकम भी कट गई, लेकिन टिकट नहीं मिला। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) कर्मचारियों ने इसे तकनीकी खामी बताकर दोबारा क्यूआर कोड स्कैन करने को कहा, लेकिन इस पर दोनों के बीच तकरार हो गई। दोनों सैलानी बिना प्रवेश के ही मायूस लौट गए।
फतेहपुर सीकरी में दो विदेशी पर्यटक पहुंचे, लेकिन वह स्मारक में प्रवेश नहीं कर पाए। ऑनलाइन टिकट के जरिए प्रवेश की प्रक्रिया उन्हें बताई गई, लेकिन क्यूआर कोड स्कैन करने पर उन्हें अपना डेटा हैक होने का खतरा था, जिस वजह से उन्होंने सीकरी स्मारक में प्रवेश से इंकार कर दिया और दरगाह शेख सलीम चिश्ती और बुलंद दरवाजा क्षेत्र घूमने चले गए।
शुक्रवार को महताब बाग में 98, फतेहरपुर सीकरी में 63, एत्माद्दौला में 21, राम बाग में 5, अकबर के मकबरे में 85 और मरियम टूम में 13 सैलानी आए। इस तरह चौथे दिन पर्यटकों की संख्या 285 रह गई जो गुरुवार के मुकाबले बेहद कम है।
पर्यटकों की कम संख्या की एक वजह क्यूआर कोड वाली टिकट हैं, जिन्हें स्कैन वही पर्यटक कर पा रहे हैं जो युवा हैं। बुजुर्ग पर्यटक इससे बच रहे हैं कि कहीं उनका डेटा हैक न हो जाए या कोई दुरुपयोग न कर ले। अकबर के मकबरे में भी क्यूआर कोड स्कैन करने में पर्यटकों को समय लगा।