महाराष्ट्र के पालघर जिला स्थित दानू तहसील में जूना अखाड़े के दो संतों की पुलिस की मौजूदगी में लाठी- डंडों से पीटकर हत्या किए जाने की घटना की अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने जांच कराने की मांग की है। रविवार को परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने समयुदाय विशेष को लोगों पर हत्या करने का आरोप लगाया। साथ ही इस घटना के जिम्मेदार लोगों और पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के लिए आवाज उठाई।
परिषद के अध्यक्ष ने चेताया कि लॉक डाउन खत्म होने के बाद बड़ी संख्या में साधु-संत महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे का घेराव करेंगे और इस मामले में कार्रवाई के लिए दबाव भी बनाएंगे। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने रविवार को बताया कि जूना अखाड़े के दोनों साधु एक ब्रह्मलीन संत के समाधि कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे। लेकिन, रास्ते में समुदाय विशेष के लोगों ने उनको कोरोना संक्रमण के नाम पर घेर लिया और लाठी-डंडे से पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया।
महंत नरेंद्र गिरि ने संत समाज से अपील की कि अगर कोई संत -महात्मा लॉकडाउन के दौरान ब्रह्मलीन होते हैं, तो उस इलाके के ग्रामीण और आसपास के ही लोग उनकी समाधि में शामिल हों। दूसरे प्रांत या जिले से साधु-संतों को समाधि में जाने से फिलहाल बचा जाना चाहिए।
संतों की हत्या करने वालों के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग
अखिल भारतीय दंडी संन्यासी परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पीठाधीश्वर स्वामी ब्रह्माश्रम महराज ने महाराष्ट्र के पालघर में जूना अखाड़े के दो संतों और उनके ड्राइवर की पुलिस की मौजूदगी में पीटकर हत्या किए जाने की रविवार को कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने केंद्र और महाराष्ट्र की प्रदेश सरकार से घटना की उच्च स्तरीय जांच कराकर मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों को बर्खास्त करने की मांग की है। परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद परिषद का एक प्रतिनिधि मंडल अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और महामंत्री से मुलाकात करके आगे की रणनीति तय करेगा। किन्नर अखाड़ा प्रयागराज की महामंडलेश्वर स्वामी कौशल्या नंद गिरि और महंत बजरंगमुनि उदासीन ने भी इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कारवाई की मांग की है।