साॅफ्टवेयर इंजीनियर आरजू की कानपुर स्थित ससुराल में हत्या के बाद पिता पर गमों को पहड़ा टूट पड़ा है। पिता नीरज ने बताया कि अमनदीप के पिता आरसी गुप्ता रेलवे में लोको पायलट हैं। उसकी ससुराल में ससुर के अलावा सास पिंकी व ननद हैं। आठ दिसंबर को आरजू की शादी हुई थी, 10 दिसंबर को वह कानपुर पहुंची थी। शादी के बाद वह प्रतिदिन चार से पांच बार परिजनों से मोबाइल पर बातचीत करती थी। वारदात से कुछ देर पहले भी सबसे बात की थी।
बातचीत से कभी पता नहीं चला कि वह परेशान है या ससुरालीजन उसे प्रताड़ित करते हैं। वह हंसमुख स्वभाव की थी। हत्या की जानकारी पर मायकेवाले स्तब्ध हैं। उनका कहना था कि अगर उसे कोई समस्या थी तो बतानी चाहिए था। हमने ससुरालियों की सारी मांगें पूरी की थीं। अगर उन्हें रुपये की जरूरत थी तो बताते, हम वह भी पूरा कर देते। मेरी बच्ची को मारने की क्या जरूरत थी।
आरजू ने अपने परिवार का एक व्हाट्सअप ग्रुप बनाया था जिसमें वह अक्सर फोटो शेयर करती थी। शादी के बाद इंगेजमेंट की फोटो भी उसमें शेयर की थी जिसमें पूरा परिवार खुशहाल लग रहा था। ऐसे में उन्हेें यह विश्वास ही नहीं हो रहा है कि उनकी बेटी की हत्या भी हो सकती है।
बेटी की मौत से आहत पिता नीरज को स्वास्थ्य खराब हो गया। बेटी की हत्या की सूचना के बाद से उन्होंने किसी से भी मिलने से इंकार कर दिया। खुद को एक कमरे में बंद कर लिया। उनके बेटे और रिश्तेदार समझाते रहे। वह बार-बार एक ही बात कह रहे थे कि उनकी बेटी और दामाद एक ही कंपनी में काम कर रहे थे, लेकिन दोनों में बातचीत भी नहीं होती थी।
आरजू के पिता का कहना है कि उनके परिवार की एक बिटिया की शादी 15 साल पहले इसी खानदान में हुई थी जो बहुत खुशहाल जिंदगी जी रही है। यही देखकर उन्होंने भी अपनी बेटी की शादी इसी खानदान में की थी। उन्हें क्या पता था कि जिस बेटी को हंसीखुशी विदा कर रहे हैं, उसका शव अपनी आंखों के सामने देखेंगे।