यूपी के उन्नाव में मदरसे के छात्रों से मारपीट व जबरन जय श्री राम के नारे लगवाने की घटना पुलिस की जांच में झूठी निकली। एसपी के मुताबिक में जिन्हें आरोपी बता रिपोर्ट दर्ज कराई गई वह घटनास्थल के आसपास भी नहीं थे। नामित आरोपियों के मोबाइल के लोकेशन व दूसरे स्थान पर मौजूदगी की फुटेज की जांच करने के बाद पुलिस ने उन्हें क्लीनचिट दे दी। दोनों को कोतवाली से छोड़ दिया गया।
वहीं मारपीट की घटना को अंजाम देने वाले एक आरोपी को पुलिस ने कानपुर से पकड़ा है। अन्य की तलाश की जा रही है। पुलिस लाइन सभागार में शनिवार को प्रेसवार्ता में डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय व एसपी एमपी वर्मा ने बताया कि मदरसा दारुल उलूम फैजेआम के प्रिंसिपल मौलाना निसार अहमद मिस्बाही ने गुरुवार को छात्रों के मजहबी नारे न लगाने पर मारपीट की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
नामितों में भाजयुमो के जिला मंत्री क्रांती सिंह, आदित्य शुक्ला, कमल व एक अज्ञात युवक शामिल था। तनाव को देखते हुए गुरुवार रात को ही आदित्य व कमल को उठा लिया गया लेकिन जांच में आरोपियों की लोकेशन जीआईसी मैदान पर नहीं मिली थी। 11 जुलाई की शाम भाजयुमो के जिला मंत्री क्रांती सिंह की लोकेशन पुलिस को कानपुर में मिली।
जबकि कमल जिला महिला अस्पताल में मौजूद था। वहीं आदित्य की लोकेशन मगरवारा स्थित एक फैक्टरी में मिली। ऐसे में पुलिस ने शुक्रवार रात आदित्य व कमल को छोड़ दिया। एसपी एमपी वर्मा ने बताया कि मारपीट की घटना में कल्याणी मोहल्ला निवासी संकेत भारती, मोती नगर निवासी दीपांशु चौधरी, ऑफिसर्स कॉलोनी निवासी गोलू सिंह व संतोष चौधरी शामिल थे।
इनमें से पुलिस ने दबिश देकर आरोपी संकेत को शुक्रवार रात कानपुर से हिरासत में ले लिया। जबकि संतोष, गोलू व दीपांशु की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। खेल के मैदान में विवाद के बाद आपसी मारपीट की घटना हुई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी में सर्विलांस और खुफिया पुलिस की मदद ली जा रही है।